आदित्यपुर: शनिवार को सरायकेला जिले के आदित्यपुर में झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कस यूनियन क्षेत्रीय परिषद जमशेदपुर का मिलन समारोह सह सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य रूप से दस सूत्री मांगों पर चर्चा करते हुए भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई.
साथ ही अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की रणनीति बनी. इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय सह क्षेत्रीय सचिव झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन क्षेत्रीय परिषद जमशेदपुर के मनसफ अली ने बताया कि विभाग में साल 2018 में आंतरिक नियुक्ति हेतु झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड में आंतरिक परीक्षा का आयोजन किया गया था, मगर आज पांच वर्षों के बाद भी मामला लंबित है, इसे शीघ्र पूर्ण करने की बैठक में मांग की गई. बिहार राज्य पॉवर होल्डिंग कंपनी द्वारा 6% विशेष ऊर्जा भत्ता दिया जा रहा है, मगर झाउविनिलि. झारखंड द्वारा अब तक लागू नहीं किया गया है, जिसे यथा शीघ्र लागू करने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि बैठक में पुरानी पेंशन योजना साल 2004 को यथा शीघ्र लागू करने की मांग की गई. बिजली जैसे जोखिम कार्य को करने वाले बिजली कर्मियों एवं उनके परिवार को चिकित्सा सुविधा / मेडिकल इंश्योरेंस जैसी आधुनिक सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई, ताकि बेहतर चिकित्सा के अभाव में किसी बिजली कर्मचारी कि मृत्यु न हो. राज्य सरकार एवं झाउविनिलि. झारखंड के सिर्फ कर्मियों का वेतन एवं ग्रेड पे मे असमानता है, जिसे यथा शीघ्र संशोधित कर राज्य सरकार के कर्मियों के वेतन एवं ग्रेड पे के अनुरूप निर्धारित किया जाय. वर्तमान में विधुत विभाग के एक तिहायी कर्मियों से काम लिया जा रहा है खाली रिक्त पदों पर अविलम्ब नियुक्ति किया जाय. बताया कि बैठक में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा लंबित पदोन्न्ति पर लगायी रोक हटाने के आदेश के आलोक में कर्मियों को यथा शीघ्र भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति की मांग उठी. विगत 15- 20 वर्षों से काम करते आ रहे संविदा/ मानव दिवस विजली मजदूर कर्मियों को यथ शीघ्र नियमितिकरण की मांग उठी. वहीं जमशेदपुर में मेसर्स वोल्टास द्वारा किया गये कार्यों की उच्च स्तरिय जांच कराने की मांग उठी, एवं Dismantled Materials के लेखा जोखा की बारीकी से जांच कराने की मांग उठी. साथ ही निगम के नियमानुसार, एक नियमित अंतराल 02 वर्ष के अंदर पदोन्नति हेतु आंतरिक परीक्षा का आयोजन करने की मांग उठी है. बताया गया कि सभी मांगों को लेकर बैठक में कर्मियों को एकजुट होकर मजबूती से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने का आह्वान किया गया. बताया गया कि क्षेत्रीय सम्मेलन के बाद प्रांतीय सम्मेलन में भी इन मांगों को रखा जाएगा. वहां से इंसाफ नहीं मिलने के बाद धरना- प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.