धनबाद: शहर के प्रसिद्ध डा. सीसी हाजरा अस्पताल में शनिवार की देर रात आग लगने से हाजरा परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में डा. विकास हाजरा, उनकी पत्नी डा. प्रेमा हाजरा, भगना सोहेल कंगारू, खाना बनाने वाली तारा एवं डा. विकास के दो अतिथि शामिल हैं. सभी की मौत आग से जलकर नहीं, बल्कि जहरीले धुएं से दम घुटने के कारण हुई है.
डॉ. हाजरा के दो पालतू कुत्ते की भी दम घुटने से मौत हुई है. डॉ. विकास हाजरा अस्पताल के संस्थापक डॉ. सीसी हाजरा के पुत्र एवं डा. प्रेमा हजारा उनकी पुत्रवधू थीं. इसमें राहत की बात यह है कि अस्पताल से सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
सूचना पाकर बैंक मोड़ थाना पुलिस एवं अग्निशमन टीम पुराना बाजार एक्सचेंज रोड स्थित हाजरा अस्पताल पहुंची. सभी शवों को निकालकर एसएनएमएमसीएच (शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल) भेज दिया गया है. बुरी तरह से गंभीर चार लोगों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. अस्पताल एवं डॉ. हाजरा का आवास एक ही साथ है. बताया जा रहा है कि शार्ट सर्किट से रात करीब डेढ़ बजे आग लग गई. घर के अंदर सभी लोग गहरी नींद में थे. अस्पताल कर्मियों ने करीब ढाई बजे बैंकमोड़ थाना एवं अग्निशमन दल को सूचना दी. अहले सुबह करीब 2: 45 मिनट पर दमकल टीम मौके पर पहुंची.
दलकल की टीम अस्पताल से सटे एक अपार्टमेंट में भी आग बुझाने के काम में जुट गई. किसी तरह टीम के सदस्य डॉ. हाजरा के घर के अंदर तक पहुंचे. उस वक्त तक डॉ. विकास हाजरा की सांसे चल रही थीं. उन्हें वहां से निकालकर हाजरा अस्पताल में उनका प्राथमिक उपचार कराया गया. इसके बाद एसएनएमएमसीएच ले जाया गया. इस दौरान रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. आग बुझाने में दमकल कर्मी मनीष कुमार भी झुलस गए हैं. इधर डीएसपी विधि व्यवस्था अरविंद कुमार बिन्हा, बैंकमोड़ थानेदार पीके सिंह समेत बैंकमोड़ थाना की पूरी टीम मौके पर बचाव कार्य में लगी हुई है.
अस्पताल के एक कर्मचारी बंटी कुमार ने बताया कि रात 1:30 बजे शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. तीन मंजिले इमारत में डॉक्टर दंपत्ति अपने पूरे परिवार के साथ रहते थे. शॉर्ट सर्किट तीसरी मंजिल के गलियारे में हुई. इसके बाद डॉ. विकास हाजरा और डॉक्टर प्रेमा हाजरा के कमरे में भारी धुआं भर गया. सरस्वती पूजा के अवसर पर उनके भगिना सोहेल समेत चार अन्य सदस्य आए थे, जो तीसरी मंजिल पर थे. सभी गहरी नींद में सोए हुए थे. धुआं भरने से सभी की मौत घर में ही हो गई. अल सुबह 3:30 पर सभी शवों को पाटलिपुत्र नर्सिंग होम ले जाया गया. यहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद सभी शवों को मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
इस दुर्घटना में डॉक्टर समीर हाजरा भाग्यशाली रहे. वह दूसरे तले पर थे, लेकिन उनके कमरे तक जहरीला धुआं नहीं पहुंचा.
Reporter for Industrial Area Adityapur