रांची: झारखंड में शुक्रवार को चंपई कैबिनेट का विस्तार और मंत्रियों के विभागों का बंटवार हुआ. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. इनमें झमुमो के 5 और कांग्रेस के 3 विधायक शामिल हैं. हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को भी मंत्री बनाया गया है.
जानें किसे कौन सा विभाग मिला
चंपई सोरेन, मुख्यमंत्री- कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, गृह (कारा सहित) विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग तथा वैसे सारे विभाग जो अन्य मंत्रियों का आवंटित नहीं है.
आलमगीर आलम, मंत्री- ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग
सत्यानंद भोक्ता, मंत्री- श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग व उद्योग विभाग
डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री- वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, वाणिज्य कर विभाग, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग
बेबी देवी, मंत्री- महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग.
हफीजुल हसन, मंत्री- अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग बसंत सोरेन, मंत्री- पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग,
मिथिलेश ठाकुर, मंत्री- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग
बादल पत्रलेख, मंत्री- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता
बन्ना गुप्ता, मंत्री- स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग.
ये पहली बार मंत्री बने
बसंत सोरेन (जेएमएम), दीपक बिरुआ (जेएमएम).
इस बार भी रिक्त रह गई एक सीट
इस मंत्रिमंडल में भी एक सीट रिक्त रह गई. झारखंड में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्रियों का कोटा है. लेकिन रघुवर सरकार से ही एक सीट रिक्त रह रही है. इस बार उम्मीद जताई जा रही थी कि 12वें मंत्री के रूप में किसी को अवसर प्रदान किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बैद्यनाथ राम का नाम 12वें मंत्री के रूप में आया था, लेकिन अंतिम समय में उनका नाम कट गया.
सीता सोरेन को नहीं बनाया गया मंत्री
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी तथा जामा से निर्वाचित विधायक सीता सोरेन को मंत्री नहीं बनाया गया. उन्हें पूरा विश्वास था कि चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्री बनाया जाएगा. इसे लेकर उन्होंने दबाव भी बनाया था. उन्होंने कहा भी था कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन से उन्हें आशीर्वाद मिल चुका है. शिबू सोरेन परिवार से सिर्फ उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया.