सरायकेला/ Pramod Singh सरायकेला- खरसावां जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. प्रतिदिन तापमान गिरता जा रहा है. दिसंबर चौथे सप्ताह में प्रवेश कर गया है. बावजूद इसके गरीब असहाय के बीच अबतक कंबल का वितरण शुरु तक नहीं हुआ है.
सरकार द्वारा कंबल सप्लाई का टेंडर फाइनल हो गया है. इसके मुताबिक ओम शक्ति टेक्सटाइल पानीपत (हरियाणा) एवं बिहारी लाल चौधरी ट्रेड लिंक प्राइवेट लिमिटेड धनबाद (झारखंड) को हैंडलूम कंबल सप्लाई की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. निविदा में शर्त के मुताबिक 231सेमी × 154 सेमी साइज के कंबल की आपूर्ति करनी है जिसका धुलाई के बाद 2 किलो 100 ग्राम होना चाहिए. सरकार ने इस बार बेहतर कंबल आपूर्ति की मंशा रखी है. यही कारण है कि शर्त के मुताबिक कंबल में ऊन की मात्रा 70 प्रतिशत व शेष सिंथेटिक फाइबर होना अनिवार्य बताया है. कंबल वितरण की आपूर्ति सूची के मुताबिक सरायकेला जिले 29711 कंबल वितरण किया जाना है. प्रति कंबल का दर 326 रुपये निर्धारित किया गया है. इस तरह सरकार पूरे राज्य में 29 करोड़ 99 लाख 99 हजार 870 रुपए खर्च करेगी. ओम शक्ति टेक्सटाइल पानीपत को कोल्हान प्रमंडल के दो जिला समेत रांची, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला- खरसांवा व रामगढ़ जिले में 3 लाख,45 हजार, 92 कंबल की आपूर्ति करनी है. जिसके लिए 11 करोड़, 24 लाख, 99 हजार, 992 रुपए आवंटित किए गये हैं. इसी तरह बिहारी लाल चौधरी ट्रेड लिंक धनबाद को पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, दुमका, साहेबगंज, देवघर ,पाकुड़, जामताड़ व गोड्डा जिले में 5 लाख 75 हजार, 153 कंबल आपूर्ति की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. जिसके लिए 18 करोड़, 74 लाख, 99 हजार 978 रुपए आवंटित किए गये हैं. अबतक दोनों सप्लायर द्वारा किसी भी जिले में कंबल नहीं भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक सप्लायरों द्वारा पानीपत से हैंडलूम की जगह पावरलूम की कंबल खरीदी जा रही है. ऐसे में सभी उपायुक्त की यह जिम्मेवारी होती है कि एक कमेटी गठित कर आपूर्ति होने वाले कंबल की जांच कराए. इसके बाद गरीबों के बीच वितरण हो. ऐसा होने से ही सरकार की मंशा सफल होगी.
पूरे राज्य का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. ठंड के कारण घरों में सुबह नौ बजे तक दुबके रह रहे हैं. ठंड से सबसे ज्यादा परेशानी उन गरीबों को होती है, जो अपने जीवन यापन के लिए सड़क के किनारे दुकान लगाते हैं या फिर शहर में घूम- घूम कर अपना सामान बेचते हैं. वैसे लोगों का दिन तो किसी तरह कट जाता है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या रात में होती है. शहर में ऐसी कहीं कोई व्यवस्था नहीं है. जहां गरीब रह सकते हैं. इस कारण रात में कहीं भी सड़क के किनारे वे अपना रात बिताते हैं. इस कंपकंपाती ठंड में उनका जीना मुश्किल हो गया है. रेलवे स्टेशन परिसर व बस स्टैंड में है.
यह कंबल वैसे लोगों को देना है. जो गरीबी रेखा से नीचे बसर कर रहे हो, वृद्ध, विकलांग, भूमिहीन व बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए लोगों को देने के लिए सरकार ने कंबल उपलब्ध कराने का मापदंड रखा है.
2017 में हो चुका है कंबल घोटाला
रघुवर सरकार के कार्यकाल में सखी मंडलों और बुनकर समितियों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए झारक्राफ्ट के माध्यम से गरीबों को बांटे जाने वाले कंबल बनाने का टेंडर इन्हें देने का फैसला किया गया. इसके लिए झारक्राफ्ट को 10 लाख कंबल का ऑर्डर दिया गया, जिसका इस्तेमाल गरीबों के बीच बांटने और सरकारी काम में किया जाना था. सरकार ने झारक्राफ्ट को 10 लाख कंबल का ऑर्डर दिया था. इसके लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया. लेकिन सखी मंडल और बुनकरों से कंबल बनावाने के बदले हरियाणा से कंबल खरीद दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट कर ली गई. मई 2016 से दिसंबर 2017 के बीच इस मद में पड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी.
2024 में कंबल वितरण की जिलेवार सूची
पलामू – 54115, लातेहार- 20280, गढ़वा- 34901, बोकारो- 27531, चतरा- 29093, देवघर- 42623, धनबाद- 74887, दुमका- 36683
गिरिडीह- 68220, गोड्डा- 36643
गुमला- 28600, हजारीबाग- 48683, जामताड़ा- 22067, खूंटी- 14838, कोडरमा- 19981, लोहरदगा- 12882, पाकुड़- 25118, पश्चिमी सिंहभूम- 41910
पूर्वी सिंहभूम- 63992, रामगढ़- 26486, रांची- 81297, साहिबगंज- 32096, सरायकेला- खरसांवा- 29711.
कुल- 920245