रांची: झारखंड विधानसभा का जारी मानसून सत्र के चौथे दिन हंगामे के नाम रहा. जहां सत्ता पक्ष विधानसभा के बाहर धरने पर बैठा नजर आया. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार झारखंडी किसानों का 9000 करोड़ जल्द दें. वे किसानों की मांग संबंधित तख्तियां लेकर धरने पर बैठे रहे.
उधर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र की टीम आयी थी. टीम ने पाया कि झारखंड में सुखाड़ की स्थिति है. राज्य सरकार ने अपना अंश तो किसानों को दे दिया. केंद्र अपना अंश दबाए बैठी है. यह गलत है.
इस पर सफाई देते हुए भाजपा के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि भारत सरकार संवेदनशील है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि राज्य सरकार ईमानदारी से काम करें, केंद्र मदद को तैयार है. राज्य सरकार निकम्मी है. यह अपने भ्रष्टाचार का ठीकरा केंद्र पर फोड़ना चाहती है.
उधर विधानसभा के बाहर विपक्ष के विधायक भी अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे. उन्होंने नियोजन नीति और सुभाष मुंडा हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. विपक्ष का आरोप है कि सुखाड़ राहत के नाम पर सत्ता पक्ष के विधायक घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. अपना घर तो संभल नहीं रहा, केंद्र पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.
सदन में एक- दूसरे से भिड़े विधायक
इन सबके बीच विधानसभा का सत्र शुरू हुआ. विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ. इस दौरान विपक्ष ने झारखंड को सुखाड़ घोषित करने, नियोजन नीति और विधि- व्यवस्था को लेकर आसन के सामने प्रदर्शन किया. जहां मारपीट तक की नौबत आ गई.
आसन के समक्ष आकर बाघमारा के भाजपा विधायक ढुल्लू महतो और गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू एक- दूसरे से भिड़ गए. विधायकों ने मिलकर बीच- बचाव किया. स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने हस्तक्षेप किया और 20 मिनट के लिए कार्यवाही रोकी.
इस दौरान ढुल्लू महतो ने सुदिव्य का नाम लेते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में कोयला में दबकर लोग मर रहे हैं. सुदिव्य ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि वे अपने क्षेत्र की चिंता करे, जिसका हवाला दिया जा रहा है, उसकी मौत मुंबई में हुई है, उसे लाने की व्यवस्था की गई है.
इस बीच तनातनी बढ़ गई. ढुल्लू और सुदिव्य आमने- सामने आ गए. भाजपा के हजारीबाग से विधायक मनीष जायसवाल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो ढुल्लू ने झटक दिया.
इधर जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, बरही के विधायक उमाशंकर अकेला और जुगसलाई के झामुमो विधायक मंगल कालिंदी ने सुदिव्य कुमार सोनू को रोकने का प्रयास किया.
इसके बाद एक बार फिर से सत्र शुरू हुआ, तो अध्यक्ष के आसन के सामने रिपोर्टिंग टेबल के पास दोनों पक्ष के विधायक पहुंचे. दोनों पक्ष एक- दूसरे पर गुंडागर्दी नहीं चलेगी का नारा लगाने लगे.
सदन में विधायकों के बीच हुई गहमागहमी को लेकर दोनों पक्ष एक- दूसरे से कहने लगे कि गुंडागर्दी नहीं चलेगी. सभा की कार्यवाही फिर से 12: 30 तक के लिए स्थगित कर दी गई. तय समयावधि के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ विपक्ष के विधायक आसन के सामने धरने पर बैठ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. कहने लगे यह सरकर निकम्मी है.