आदित्यपुर: सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा और आदित्यपुर अधिवक्ता संघ ने जलापूर्ति योजना और सीवरेज योजना को लेकर अब आरपार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में जुट गई है. बता दें कि दूसरी बार मिले एक्सटेंशन की अवधि जो 30 जून को समाप्त होगी. लेकिन अब तक दोनों योजना का 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हुआ है. मोर्चा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
गुरुवार को मोर्चा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि इसके लिए नगर विकास विभाग, वन विभाग, रेलवे, पथ निर्माण विभाग और आवास बोर्ड पूरी तरह से जिम्मेवार है. जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सह जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि 23 फरवरी 2019 को पेयजल योजना का, जबकि 23 नवंबर 2017 को सीवरेज योजना का शिलान्यास हुआ था. लेकिन अब तक यह देखा जा रहा है कि किसी भी विभाग के बीच आपस में तालमेल नहीं है. इस प्रकार के कार्य को लेकर वे लोग जनहित याचिका दायर करेंगे.
दोनों संगठनों ने मांग किया है कि जब तक दोनों योजनाएं पूरी नहीं होती है सरकार आदित्यपुर नगर निगम के सभी नागरिकों से लिये जानेवाले टैक्स को बंद करे. प्रेसवार्ता में जन कल्याण मोर्चा अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेंद्र प्रसाद और झारखंड लीगल एडवायजरी एंड डेवलपमेंट के महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार स्वाइ मौजूद थे. बता दें कि सीवरेज योजना जहां 255 करोड़ की है वहीं जलापूर्ति योजना 395 करोड़ रुपए की है. दोनो योजनाएं आदित्यपुर के करीब 60 हजार परिवारों के लिए बना था लेकिन आज यहां के लोग कीचड़ भरी सड़कों पर चलने को विवश हैं और पेयजल के अभाव में 600 रुपये में 1000 लीटर पानी खरीदकर पीने को विवश हैं. जबकि नगर विकास विभाग होल्डिंग टैक्स में बेतहाशा वृद्धि कर आम नागरिकों के जेबें खाली करने पर अड़ी है. यहां मंत्री के समीक्षा और आदेश के बावजूद कार्य अधूरे हैं.