DESK सरायकेला में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन गुरुवार को संथाल दौरे पर निकल पड़े हैं. इसी कड़ी में वे आज जामताड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने अमर शहीद सिदो- कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने श्री मुर्मू से भोगनाडीह समेत पूरे संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
पूर्व ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस संथाल परगना के लिए हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों को झुका दिया, उस माटी पर आज घुसपैठिये कब्जा कर रहे हैं. हमारी बहन- बेटियों की अस्मत खतरे में है. सामाजिक ताना- बाना बिखर रहा है, लेकिन सरकार बेपरवाह है. इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि वीर भूमि भोगनाडीह में आज आदिवासियों की संख्या पांच सौ से कम है, जबकि घुसपैठिए कई गुणा हो गये. इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? इस क्षेत्र में संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू होने की वजह से ये लोग जमीन तो खरीद नहीं सकते, फिर ये लाखों लोग यहां कैसे और किसके संरक्षण में बस गये ? उन्हें पहचानने, उनके कागजातों को जांचने तथा जमीनों पर से अवैध कब्जा हटाने की जगह उन्हें सस्ते गैस सिलेंडर देने की बात करने वाले कौन लोग हैं ? उन्हें पहचानिए तभी संथाल परगना में आदिवासियों का अस्तित्व बच पायेगा, अन्यथा पाकुड़, राजमहल आदि की तरह अन्य स्थानों पर भी हम आदिवासी अल्पसंख्यक होते चले जाएंगे.