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जमशेदपुर:- जमशेदपुर में पारा सातवें आसमान पर है. आसमान से अंगार बरस रहा है, तो धरती कोरोना की चपेट में है. लोगों के कंठ सूख रहे हैं. फ्रिज और रेफ्रिजरेटर का पानी पीने पर रोक लगी है, ऐसे में मिट्टी का घड़ा ही एकमात्र सहारा है. वैश्विक संकट को देखते हुए लोग फ्रिज और रेफ्रिजरेटरों के पानी को नजरअंदाज कर रहे हैं. साथ ही सुराही, मटका और घड़ा खरीदने के लिए बाजारों की तरफ उमड़ रहे हैं.
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पिछले साल की तुलना में इस साल सुराही, मटके और घड़े की खरीददारों की संख्या में इजाफा हुआ है. कुम्हार बाजार में पहुंच रहे ग्राहकों की संख्या को देखकर खुश नजर आ रहे हैं. डेढ़ सौ रुपए से लेकर 350 रुपए तक के घड़े और मटके बाजार में उपलब्ध हैं. इस साल एक विशेष किस्म का मटका भी बाजार में आया है, जिसकी खूब डिमांड हो रही है. ग्राहकों की माने तो फ्रिज और रेफ्रिजरेटर का पानी पीने से लोग बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए मटको और घड़ों का पानी शरीर के लिए लाभदायक होगा. वही जमशेदपुर के कुम्हार ग्राहकों के घड़ों की तरफ रुझान को देखकर गदगद हैं.
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