जमशेदपुर : भाजपा नेता अंकित आनंद को धार्मिक उन्मादी बताकर धारा 107 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा करने के मामले में टेल्को थाना प्रभारी नरेश प्रसाद सिन्हा और सब इंस्पेक्टर रंजन कुमार पासवान सहित अन्य की कार्यसंस्कृति और भूमिका की जाँच होगी. झारखंड राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार के अवर सचिव ने इस आशय में जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक कौशल किशोर को निर्देश जारी करते हुए अविलंब मामले की जाँच करने और जाँच प्रतिवेदन प्राधिकार को भेजने को कहा है. जाँच के इस प्रस्ताव पर राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार के अध्यक्ष ने अनुमोदित किया है.
मालूम हो कि विगत माह टेल्को थाना कि एक रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी महानगर के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद को एसडीएम कोर्ट ने धारा 107 के तहत नोटिस जारी किया था. रिपोर्ट का अवलोकन करने पर मालूम हुआ कि टेल्को थाना स्तर से तैयार रिपोर्ट में भाजपा नेता के नाम को क्षेत्र के कुख्यात गौ तस्करों और कसाईयों के साथ जोड़ दिया गया है. पुलिस कि भूमिका और कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े करते हुए अंकित आनंद ने जिला प्रशासन से जाँच का आग्रह किया था, किंतु कोई पहल नहीं होने के बाद राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार में शिकायत दर्ज कराते हुए टेल्को थाना स्तर से हुए अनुसंधान पर आपत्ति दर्ज करते हुए आरोपों के संदर्भ में जाँच का आग्रह किया था.
बाद में जमशेदपुर न्यायालय में भी शिकायतवाद दर्ज कराया गया था. राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार ने इस आशय का आदेश 27 अक्टूबर को ही जारी कर दिया था. परंतु आदेश की पत्री बीजेपी नेता को रजिस्टर्ड डाक द्वारा शुक्रवार को प्राप्त हुआ. शिकायतकर्ता पूर्व भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने कहा कि जनता की सुरक्षा के लिए संविधान ने पुलिस को असीमित शक्तियाँ दी है. लेकिन किन्हीं को पद और शक्तियों के दुरूपयोग का अधिकार प्राप्त नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताया कि राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार के आदेश के बाद टेल्को थाना प्रभारी और एसआई के विरुद्ध निष्पक्ष और दबाव रहित अनुसंधान पूर्ण होगी.