जमशेदपुर: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गरम है. इधर लौहनगरी जमशेदपुर की सियासत एकबार फिर से मंदिर को लेकर बिगड़ने लगा है. इसकी कवायद राजनेताओं ने शुरू कर दी है. आपको बता दें कि सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर इन दिनों राजनीति का केंद्रबिंदु बना हुआ है. एक ओर वर्तमान विधायक जो राज्य के पूर्व मंत्री रह चुके हैं, सरयू राय सूर्य मंदिर परिसर को स्पोर्ट्स हब बनाने की वकालत करते हुए इसकी तैयारी में जोर- शोर से जुटे हैं, तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का खेमा इसके विरोध में सड़कों पर उतर आया है.
सोमवार को हाथों में भगवा लिए रैली की शक्ल में सैकड़ो लोग जिला मुख्यालय पहुंचे और सूर्य मंदिर को स्पोर्ट्स हब बनाए जाने का पुरजोर विरोध किया. इसमें अजसू नेता चंद्रगुप्त सिंह एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खासम खास भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. दोनों नेताओं ने विधायक सरयू राय पर मंदिर के नाम पर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया, और कहा किसी कीमत पर मंदिर प्रांगण को स्पोर्ट्स हब बनने नहीं दिया जाएगा.
इधर कांग्रेस ने इस प्रकरण पर चुटकी लेते हुए दोनों नेताओं को एक ही यूनिवर्सिटी का छात्र बताया और तीखा हमला बोला है. जमशेदपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा कि एक तरफ जनता बढ़ती महंगाई बेरोजगारी से त्रस्त है, दूसरी ओर दोनों नेता सूर्य मंदिर के विवाद में जनता को उलझा कर मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों नेता को जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों नेता एक ही इंस्टिट्यूट के छात्र रहे हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं.
आपको बता दें कि सरयू राय भी पूर्व में भाजपा में ही थे. पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने के बाद जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर 25 साल से भाजपा का अभेद्य किला रहे जमशेदपुर पूर्वी सीट पर कब्जा जमाया था. उसके बाद सूर्य मंदिर में अधिपत्य को लेकर खूब विवाद हुआ था. बाद में सूर्य मंदिर का संचालन जिला प्रशासन ने अपने हाथों में ले लिया. जहां विधायक निधि से सरयू राय द्वारा स्पोर्ट्स हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी को लेकर रघुवर खेमा और सरयू राय खेमा आमने- सामने है. बहरहाल वर्चस्व की इस लड़ाई में जीत किसकी होती है यह देखना दिलचस्प होगा. राजनीतिक पंडितों की अगर मन तो लोकसभा चुनाव से पहले जमशेदपुर की जनता को आपस में मंदिर के नाम पर उलझाने का बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिससे जनता को बचने की जरूरत है.