जमशेदपुर के भालूबासा स्थित ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर भू माफियाओं की टेढ़ी साया पड़ने लगी है. जहां गुरुवार को रामलीला मैदान स्थित हनुमान मंदिर के विस्तारीकरण को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा पिलर गाड़ने का काम शुरू किया गया.
इसको लेकर रामलीला समिति द्वारा कड़ी आपत्ति जताते हुए जेएनएसी और जुस्को के माध्यम से काम रुकवा दिया गया. बताया जा रहा है, कि स्थानीय दुकानदारों और कुछ भू माफियाओं द्वारा साजिश के तहत रामलीला मैदान पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि रामलीला का अस्तित्व हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाए. फिलहाल जेएनएसी और जुस्को द्वारा काम तो रुकवा दिया गया है, लेकिन यह कब तक कायम रह सकेगा यह देखने वाली बात होगी. बताया जाता है, कि पूरे राज्य में इकलौता यही मैदान बचा है, जहां साल 1922 से रामलीला का आयोजन हो रहा है, और 99 साल के इतिहास में कभी भी रामलीला समिति के सदस्यों ने मैदान या उसके आसपास कब्जा जमाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन अब धीरे-धीरे साजिश के तहत इस मैदान पर कब्जा जमाने का प्रयास चल रहा है.
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