घाटशिला: प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को आई भीषण आंधी- तूफान कारण दर्जनों गांवों में भारी तबाही मची है. इस दौरान लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों में सैकड़ो घर झतिग्रस्त होने के साथ- साथ उसमें रखे लाखो रुपये के समान बर्बाद हो गए है. स्थिति ऐसी उत्पन हो गयी है कि लोगों को रात गुजारने के लिए छत नही नही बचे है.
तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही कालचित्ति पंचायत के हिरागंज, रामचन्द्रपुर, दिघा, भदुआ पंचायत के महेशडुबा, छतरडांगा, नुतनडीह, खुदू डांगा , खरसती, खड़िकाशोल, काड़ाडुबा पंचायत के काड़ाडुबा, बल्लाम, हुलूंग चौक, काड़ाडुबा गांव में हुआ है.
तूफान इतना तेज था कि दिघा गांव में दो लाख रुपया बैंक से कर्ज लेकर घर बनाने वाले माला प्रमाणिक का नया घर का छत 100 फीट दूर लोहे के एंगल के साथ जाकर गांव के ग्राम प्रधान जयपाल मुर्मू के घर पर जा गिरा. ऐसी ही घटना बल्लाम गांव के जितेन महतो के घर में भी हुआ है. आंधी तुफान के कारण हजारों पेड़ जड़ से उखड़कर गिर गये, ट्रांसफर्मर टूटकर गिर पड़े. तार दजर्नो जगह टूट कर गिरा पड़ा है. काशिदा- हुलूंग पथ पर विशाल इमली का पेड़ गिरने से पिछले 16 घंटे से जाम है, लोगों को रास्ता बदलकर दूसरे गांव से जाना पड़ रहा है. आंधी तूफान के कारण दामपाड़ा क्षेत्र में 60 गांवो में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प पड़ा हुआ है, अगले तीन चार दिनो के बाद ही व्यवस्था बहाल हो सकती है.
आंधी तूफान के कारण जिन किसानों के घर के छप्पर उड़े है, उनके घर में रखे धान भी बर्बाद हो गए है. किसानों का कहना है कि खेती करने के लिए कुछ पैसा का जुगाड़ करके रखा था, अब इससे घर की मरम्मत करेंगे तो खेती कहां से करेंगे. सरकार को इस ओर जरुर पहल कर मुआवजा देना चाहिए. घटना की खबर सुनकर जिप सदस्य देवयानी मुर्मू ने क्षेत्र का दौरा कर पिड़ित लोगों की सूची बनाकर प्रशासन को देने की बात कही. समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई करने कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गांव नही पहुंचे थे.