जमशेदपुर: सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के कानून का आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने लिए सहारा लेना पड़ा उसी कानून को विगत ढाई वर्षो से सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त जैसे संवैधानिक पदों पर नियुक्ति नहीं कर सरकार द्वारा पंगू बना कर रखा गया है. जिसके कारण आम नागरिकों को अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है.
उक्त बातें आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केंद्रीय महासचिव सह आजसू पार्टी के पूर्वी सिहभूम जिला सचिव कृतिवास मंडल ने कही.
उन्होंने यह भी कहा, कि
झारखंड राज्य मे मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने विगत दिनों भारत के राष्ट्रपति, झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग किया गया था कि अविलंब झारखंड में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति किया जाए, बावजूद इसके नियुक्त नहीं करना राज्य सरकार की मंशा साफ झलकती है, कि सूचना आयोग जैसे संवैधानिक विभागों को मृतप्राय रखकर आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है.
श्री मंडल ने कहा कि झारखंड राज्य में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति सरकार अविलंब करे ताकि आम नागरिक अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग कर सके.