जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला राजद में सबकुछ ठीक- ठाक नहीं चल रहा है. जहां जिलाध्यक्ष सुभाष यादव ने प्रदेश महासचिव सह जिला प्रभारी पुरेन्द्र नारायण सिंह द्वारा आगामी 22 सितंबर को संवाद कार्यक्रम किये जाने के निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा कर दी है. जिसके बाद पुरेन्द्र ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिलाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पुरेन्द्र के अनुशंसा पर प्रदेश नेतृत्व क्या निर्णय लेती है.
क्या है पुरेन्द्र के अनुशंसा में
प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में पुरेन्द्र नारायण सिंह ने लिखा है कि उनके द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष सुभाष यादव से वार्ता कर 22 सितंबर रविवार को जिले में प्रवास करने वाले सभी प्रदेश पदाधिकारियों, सभी प्रकोष्ठों के जिला अध्यक्षों, पदाधिकारियों प्रखंड अध्यक्षों एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ एक “संवाद कार्यक्रम” आयोजित करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही साथ श्रीमान (प्रदेश अध्यक्ष) से विचार विमर्श कर जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष के मनोनयन हेतु इच्छुक उम्मीदवारों से बायोडाटा प्राप्त करने, इच्छुक उम्मीदवारों से सदस्यता अभियान चलाने एवं इच्छुक उम्मीदवारों को अपने नेतृत्व में बैठक करने कहा गया था. श्री सिंह ने लिखा है कि मैंने जिला अध्यक्ष को जिला और प्रखंड कमेटी की पूरी सूची भी दिखाने कहा है. मगर जिला अध्यक्ष द्वारा बिना मेरे अनुमति के प्रेस को कार्यक्रम स्थगित किए जाने की सूचना दी गई, जो प्रभारी के कार्य क्षेत्र का अतिक्रमण है और अनुशासनहीनता के दायरे में आता है.
क्या ऐसे मिलेगा राजद को कोल्हान में हिस्सेदारी !
इस प्रकरण ने साफ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी राजद संगठिक दृष्टिकोण से कोल्हान में कमजोर है. खासकर पूर्वी सिंहभूम में तो राजद संगठन तार- तार हो चुकी है. पुरेन्द्र के पत्र पर प्रदेश नेतृत्व क्या एक्शन लेती है यह तो अलग मुद्दा है मगर इतना साफ हो गया है कि राजद संगठन पूर्वी सिंहभूम जिले में नेतृत्व विहीन है. ऐसे में कोल्हान में राजद के सीट की दावेदारी को कितना बल मिलेगा यह भी गौर करने वाली बात होगी.
पुरेन्द्र भी कर सकते हैं राजद से किनारा !
इस प्रकरण के बाद यदि प्रदेश नेतृत्व कार्रवाई नहीं करती है तो संभव है कि पुरेन्द्र भी पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के दिग्गज नेता चम्पाई सोरेन की तरह राजद से किनारा कर सकते हैं. हालांकि इसकी पुष्टि हम नहीं करते मगर जिस तरह से हाल के दिनों में पुरेन्द्र के मीडिया में बयान आ रहे हैं उससे लग रहा है कि पुरेन्द्र भी राजद से किनारा कर सकते हैं. पुरेन्द्र कोल्हान में राजद की हिस्सेदारी मांग रहे हैं. साथ ही “इंडी” गठबंधन पर राजद की उपेक्षा का आरोप भी मढ़ रहे हैं. विदित हो कि पुरेन्द्र नारायण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के काफी करीबी रहे हैं. उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद पुरेन्द्र ने चंपाई से दूरी बना ली है. मगर पुरेन्द्र के हालिया बयानों और गतिविधियों पर गौर करें तो इसकी प्रबल संभावना लगने लगी है कि पुरेन्द्र भी चंपाई की राह जा सकते हैं.