जमशेदपुर: सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के एसएसपी के निर्देश पर पोटका थाना अंतर्गत झारखंड- उड़ीसा बॉर्डर से सटे जंगल के बीचों- बीच राघवडीह में लगभग 7- 8 एकड़ जमीन में किए गए अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया गया.
जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पोटका थाना प्रभारी रविंद्र मुंडा एवं कोवाली थाना प्रभारी अमित रविदास द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर पुलिस बल की मदद से अफीम की फसल को नष्ट किया गया, वही अज्ञात लोगों के खिलाफ अफीम की खेती करने का मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अंचल अधिकारी पोटका को जमीन वन भूमि है या रैयती प्लॉट है इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.
बताया गया कि
बाहर से आए अज्ञात 4 व्यापारियों द्वारा बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि हम लोगों को सफेद सरसों की खेती करना हैं, का झांसा देकर अफीम के पौधों को लगवाया गया. अफीम के पौधे में फल को चिरा मारकर एक से दो बार अफीम का लट्ठा भी व्यापारियों द्वारा निकाल कर ले जाया गया है. अफीम की फलों को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है.
वही मामले को लेकर स्थानीय मनोज सरदार ने कहा कि भोले- भाले ग्रामीणों को नशे की जाल में फंसाने के लिए इस तरह का बड़े पैमाने पर खेती किया गया था. मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी लोग दोषी है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. पोटका में अफीम की खेती का यह पहला मामला सामने आया है.
वहीं इस संबंध में कोवाली थाना प्रभारी अमित रविदास ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. चारों व्यापारियों का अब तक किसी तरह का पता नहीं चल पाया है. वहीं अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है. आगे जांच में जिनकी संलिप्तता पाई जाएगी उन सभी के ऊपर मामला दर्ज किया जाएगा.
वहीं ग्रामीणों ने कहा कि हम लोगों को मजदूरी देकर ले जाया गया था. व्यापारियों को हम सब नहीं पहचानते हैं. बाहर से आए हुए थे, और सफेद सरसों की खेती के नाम से पौधा लगाए थे हम सब को नहीं पता यह नशीला पदार्थ है.
बड़े पैमाने पर अफीम की खेती से संबंधित ट्वीट भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी तथा वरीय पुलिस अधीक्षक जमशेदपुर को करते हुए कार्रवाई की मांग की गयी थी.