जमशेदपुर (Charanjeet Singh)
भारत मां के वीर सपूत शहीद उधम सिंह जिसने दुश्मन को उसी के घर में घुसकर मारा और जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया था. वैसे महान बलिदानी के बलिदान दिवस पर शहर की अग्रणी संस्था नमन ने अपने कार्यालय में रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की.
उक्त अवसर पर नमन संरक्षक बृजभूषण सिंह ने कहा कि देश में त्याग, तपस्या व बलिदान के प्रतीक शहीद उधम सिंह की शौर्य अविश्वसनीय और अकल्पनीय है. एक 19 वर्ष का नौजवान , 21 वर्ष की तपस्या के बाद , माँ भारती पर हुए जुल्म का बदला उन अंग्रेजों के धरती पर जा कर लेता है, जिनके नौकरशाहों ने जलियाँवाला बाग में गोलियों से भून डाला था. वे गवाह थे उन हजारों बेनामी भारतीयों की नृशंस हत्या के, जो तत्कालीन जनरल डायर के आदेश पर गोलियों के शिकार हुए.
यहीं पर उन्होंने जालियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर और पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ली, जिसके बाद क्रांतिकारी बने और अपनी प्रतिज्ञा पूरी करके दुनिया को संदेश दिया कि अत्याचारियों को भारतीय वीर कभी बख्शा नहीं करते. इस तरह यह क्रांतिकारी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में अमर हो गया.
मौके पर धनुर्धर त्रिपाठी ने कहा कि आजादी के संग्राम के सर्वोच्च महानायकों में से एक थे उधम सिंह उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. कार्यक्रम का संचालन जूगुन पांडे ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन महेश मिश्रा ने किया.
कार्यक्रम में हरदयाल सिंह, जसवंत सिंह भोमा, राजू मारवाह, महेंद्र सिंह, राघवेन्द्र शर्मा, संतलाल पाठक, रामकेवल मिश्रा, कैलाश झा, जूगदेव कुमार शर्मा, रामाश्रय अवस्थी, केके शुक्ला, अखिलेश पांडेय, प्रमिला शर्मा, सीमा जयसवाल, ममता पुष्टि, परमजीत कौर, डी मनी, मनोज मिश्रा, सरजू राम एवं अन्य ने मुख्य रूप से शामिल होकर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की.