जमशेदपुर के कोवाली- डुमरिया पथ निर्माण में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिलने से क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण परेशान हैं. इधर शुक्रवार को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद विद्युत वरण महतो के साथ जिला मुख्यालय पहुंच जिले के उपायुक्त के नाम एक मांगपत्र सौंपते हुए जमीन देनेवाले रैयतों को मुआवजा दिलाने की मांग की.
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि कोवाली से डुमरिया तक सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. इसके तहत दुबलाबेड़ा, बादलकोचा, रंगामटिया, बोमरो, बादलगोड़ा और खैरबनी गांव में रैयती भूमि का अधिग्रहण किया गया है. मगर इनमें से अभी तक कई रैयतों को मुआवजा की राशि नहीं मिली है. इसके अलावा जो मुआवजा की राशि का भुगतान किया गया है, उसमें भी भारी अनियमितता बरती गई है. बताया गया, कि बिचौलियों के इशारे पर विभाग की ओर से मुआवजा राशि के वितरण में भेदभाव किया गया है. वहीं जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने ग्रामीणों की समस्या को जायज बताते हुए कहा केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट तौर पर निर्देश किया गया है, कि सड़क निर्माण के एवज में अधिग्रहित भूमि के बदले वर्तमान दर के चार गुना मुआवजा रैयतदारों को देना है. ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से ग्रामीणों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है.उन्होंने तत्काल जिला प्रशासन रैयतों को उचित मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की है. साथ ही भरोसा दिलाया है, कि जल्द ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उनके संज्ञान में इस मामले को लाया जाएगा. इससे पूर्व ग्रामीणों ने सांसद का गर्मजोशी से स्वागत किया, और उन्हें पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया.