जमशेदपुर: कदमा नागरकोट दुर्गापूजा कमेटी के सक्रिय सदस्य देवाशीष नंदी की ओर से महालया सुनने के लिए धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन श्रद्धा एवं विश्वास से किया गया. इस दिन बंगाली समुदाय के लोग पारंपरिक रूप से
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वीरेंद्र कृष्ण भद्र के गीतों और मंत्रों के संग्रह को सुनने के लिए भोर 4 बजे उठते हैं. शनिवार को भी देवीमाहात्म्य (चंडी) ग्रंथ से भजन सुनने के लिए कालोनी के लोग एकजुट हुए. हर बंगाली घराना महिषासुरमर्दिनी के नाम से जाने जाने वाले वीरेंद्र कृष्ण भद्र के गीतों और मंत्रों के संग्रह को सुनते हैं, जो देवी दुर्गा के जन्म और राक्षस राजा महिषासुर पर अंतिम विजय का वर्णन करता है.
देवाशीष नंदी ने महालया के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि मान्यता है कि महिषासुर नाम के राक्षस के सर्वनाश के लिए महालया के दिन मां दुर्गा का आह्वान किया गया था. उन्होंने कहा कि महलाया अमावस्या की सुबह सबसे पहले पितरों को विदाई दी जाती है फिर शाम को मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्वी लोक आती हैं और पूरे नौ दिनों तक यहां रहकर धरतीवासियों पर अपनी कृपा का अमृत बरसाती हैं. कालोनी की अन्य महिलाओं ने भी महालया की विशेषताएं साझा किया.
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Reporter for Industrial Area Adityapur