जमशेदपुर में पली-बढी कुमारी छाया पठन-पाठन के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. वह रमेश कुमार सिंह व वीणा सिंह की सुपुत्री हैं. कुमारी छाया तेरह वर्षों से जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर स्थित आदर्श बाल मध्य उच्च विद्यालय में अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं. पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करने की वजह से उन्हें घर पर ही रह कर अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखने की जरूरत पड़ रही है. एक अध्यापिका के रूप में कुमारी छाया हमेशा प्रयास करती है, कि दूसरों से उन्हें कुछ अच्छा और नया सीखने को मिल जाए. इसी वजह से विद्यालय में उनका व्यवहार अन्य छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को बहुत ज्यादा भाता है. वह बहुत ही सरल स्वभाव की हैं. उन्होंने एमएससी और बीएड की शिक्षा प्राप्त की है. विज्ञान विषय में पढ़ाई करने के बावजूद उनका प्रिय विषय हिंदी रहा है. उन्हें कविताएं एवं कहानियां लिखने में ज्यादा रुचि है. वह जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखती हैं. प्रकृति से विशेष प्रेम रखती है. इस विषय पर उन्होंने काफी पंक्तियां भी लिखी हैं जिसका संकलन कर उन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडॉउन के दौरान एक पुस्तक लिख डाली. पुस्तक का शीर्षक “एक प्याली चाय” है जिसे 3 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के ऑथर्स ट्री पब्लिकेशन (Authors Tree Publishing) के द्वारा प्रकाशित किया गया. पुस्तक “एक प्याली चाय” के प्रकाशन होने के अगले दिन ही इस पुस्तक को अमेजॉन पर बेस्ट सेलिंग रैंकिंग का टैग लग गया. कुमारी छाया द्वारा लिखी गई यह उनकी पहली पुस्तक है, जिसे लोगों द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. इस पुस्तक में लेखिका ने यह बताने का प्रयास किया है, कि लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होना अति आवश्यक है. आज व्यस्त दिनचर्या और महामारी की चोट से लोग परेशान हैं. इन सब के बीच हमें प्रकृति में मौजूद सुंदरता को देखने की कोशिश करनी चाहिए. ईश्वर ने हमारे आस-पास कितनी मनोहर चित्रकारी प्रस्तुत की है जिसे देख और महसूस कर हम अपने अंदर सकारात्मक उर्जा का संचार कर सकते हैं. पुस्तक के माध्यम से लेखिका ने छोटी-बड़ी कविता, शायरी के द्वारा अपने मनोभाव को प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है. वह बताती है कि मैं प्रकृति में उपस्थित सभी चीजों से प्रेरणा लेती हूं. इस तरह मैं स्वयं को भी खुश रख पाती हूं. लेखन मेरे लिए एक औषधि के समान है. इससे मैं जीवन को और भी खूबसूरती से देख पाती हूं. इसलिए हमें जीवन में घटित हर घटना से प्रेरणा लेनी चाहिए और जीवन में मिले अनुभव से सीख भी लेनी चाहिए. साथ ही जीवन को एक सुंदर रूप देने का प्रयास करना भी करना चाहिए.