जमशेदपुर : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के पाठ्यक्रम में ओड़िया भाषा के सिलेबस को बदलने की मांग उठने लगी है. ओड़िया भाषी छात्रों के एक शिष्टमंडल ने इस संबंध में पत्र लिखकर पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा कुणाल षाड़ंगी से हस्तक्षेप करने और उचित फोरम पर समस्या को रखने की मांग की है. इसके समर्थन में राज्यपाल सहित सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी पत्र प्रेषित किया है. ओड़िया भाषी छात्रों की समस्या यह है कि जेएसएससी के सिलेबस में ओड़िया भाषा का जो पाठ्यक्रम है उसकी पुस्तकें राज्य के किसी भी लाईब्रेरी या विश्वविद्यालय में आसानी से उपलब्ध नहीं है.
झारखंड सहित पड़ोसी राज्य ओड़िशा में भी उक्त पाठ्यक्रम की किताबें नहीं मिल रही हैं. अधिकांश संस्थानों और पुस्तक विक्रेताओं का कहना है की जेएसएससी द्वारा जो सिलेबस चलाया जा रहा है वह काफी पुराना है. इनके पाठ्यक्रमों को वर्तमान में उपलब्ध करा पाना बड़ी चुनौती होगी. इससे ओड़िया भाषी प्रतिभागी छात्रों की समस्या बढ़ गई है. छात्रों ने सरकार से इस दिशा में विचार करने का आग्रह किया है.
इधर, छात्रों की मांग को उचित बताते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी भी छात्रों के समर्थन में सामने आये गये हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर रविवार को एक छात्र के पोस्ट पर कोट करने हुए लिखा है कि हज़ारों ओड़िया भाषी प्रतिभागी छात्रों की समस्या के समाधान की दिशा में सरकार के स्तर से जरूरी पहल होनी चाहिए. उन्होंने राजभवन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को टैग करते हुए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि ओड़िया भाषा झारखंड में द्वितीय राजभाषा है, लेकिन जेएसएससी के कारण अब ओड़िया भाषी छात्र सकते में हैं.
उन्होंने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को विषय की गंभीरता समझने की जरूरत है. अतः जेएसएससी को अविलंब ओड़िया भाषा के पुराने पाठ्यक्रम और विद्यालय स्तर से संपूर्ण सिलेबस को बदलकर नये पाठ्यक्रम को शामिल करना चाहिए, जो झारखंड समेत पड़ोसी राज्यों में भी आसानी से उपलब्ध हो. कुणाल ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर त्वरित संज्ञान लेने का निवेदन करेंगे.