जमशेदपुर : पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की. मुलाकात के क्रम में कुणाल षाडंगी ने राष्ट्रपति को छह प्रमुख मांगों के संदर्भ में संज्ञान लेने का आग्रह किया. कुणाल ने राष्ट्रपति को झारखंड के कैबिनेट सचिव द्वारा द्वारा केद्रीय एजेसी द्वारा भ्रष्टाचार से जुडे मामलों पर जारी समन पर विभाग के प्रमुख से अनुमति और सूचना वाली चिट्ठी के संदर्भ में जानकारी दी. इसके अलावा कुणाल ने बताया कि हाल में संसद में पारित हुए विधेयक में भारतीय न्याय संहिता में एक नए कानून की धारा 69 के अनुसार अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी का वादा करके उसके साथ रिलेशनशीप में रहता है जबकि उसका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है तो उसे 10 साल की जेल हो सकती है.
इस कानून का दुरूपयोग कानूनी सहमति से बनाए गए संबंधों को भी अपराध घोषित करने मे हो सकता है क्योकि यह साबित करने की जिम्मेदारी पुरुष पर छोड़ देता है कि उसने किसी महिला से शादी का वादा नहीं किया था. मामला दर्ज करने से पहले पुरुष और महिला के बीच कितने समय तक संबंध होना चाहिए, इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं है. मतलब, वह सहमति से संबंध के 5 या 10 साल बाद भी यह मामला दर्ज कर सकती है. यह कानून कठोर है और इसके दुरुपयोग की अत्यधिक संभावना है. कुणाल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि कानून को लागू करने से पहले इसकी गहन समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होने कहा कि पुरूष उत्पीडन से अन्य मामले भी लगातार बढ रहे हैं इसलिए पुरूष आयोग का गठन होना चाहिए.
इसके अलावा कुणाल ने बताया कि जमशेदपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने मांग की है कि जमशेदपुर में एम्स का सैटेलाईट केद्र स्थापित हो जिसके माध्यम से राज्य सरकार की एमजीएम की व्यव्सथा में भी सुधार किया जा सके. आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा, भाषा और लिपि को बचा कर रखने के लिए संवैधानिक रूप से स्थापिक शिक्षण संस्थाओं के प्रति गंभीर प्रयास की आवश्यकता है. घाटशिला अनुमंडल में आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग जा रही है.
उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि क्षेत्र की दशको पुरानी मांग चाकुलिया-बडामारा रेल लाईन की योजना पर काम जल्द शुरू होना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि रेल मंत्री ने उन्हें सुचना दी है कि रेलवे बोर्ड ने इसे अपनी सूचि मे शामिल कर लिया है और कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही शिलान्यास किया जाएगा जिसके लिए बजटीय प्रावधान 2024-25 मे किया जाएगा. इसके अलावा कुणाल ने आग्रह किया कि ओडिशा-बंगाल और झारखंड के संगम स्थल के स्थान पूर्वी सिंहभूम जिले के आदिवासी बहुल ईलाकों में फुटबॉल, हॉकी तथा तीरंदाजी की असीम संभावनाएं हैं वहाँ पर बैंगलोर की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर खेल एकाडेमी की स्थापना की जाए. राष्ट्रपति ने आश्वस्त किया कि वे सभी विषयों पर विभागीय मंत्वय लेकर आगे कार्यवाही करेंगी.