जमशेदपुर: उड़ीसा के झारसुगुड़ा के बनबहाल थाने में पदस्थापित कांस्टेबल अशरफ मल्लिक के पार्थिव शरीर को रविवार को बर्मामाइंस रेलवे कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया. इससे पूर्व परसुडीह के मखदुमपुर बड़ी मस्जिद में जनाजे की नमाज अदा की गई. जहां आम से लेकर खास ने शिरकत की. उसके बाद नम आंखों से अपने लाल को विदाई दी.
अशरफ के जनाजे में प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां के अध्यक्ष सहित अन्य पत्रकार सदस्यों ने हिस्सा लिया और मिट्टी दी. इस दौरान हर आंखे नम रही. बता दें कि दिवंगत अशरफ मल्लिक प्रखर पत्रकार और प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां के सक्रिय सदस्य अफ़रोज़ मल्लिक का छोटा भाई था.
छोटे भाई के जनाजे में शामिल पत्रकार अफ़रोज़ मल्लिक
सात भाइयों में अशरफ सबसे छोटा 30 वर्षीय अशरफ उड़ीसा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था. दो दिन पूर्व पत्नी से विवाद के बाद उसने बनबहाल में ही कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली थी. सूचना मिलते ही अफ़रोज़ परिजनों के साथ बनबहाल पहुंचा और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शनिवार देर रात शव लेकर जमशेपुर के परसुडीह मकदमपुर स्थित पैतृक निवास पर पहुंचा.
मृतक अशरफ मल्लिक की फाइल फोटो
जहां अशरफ के शव के पहुंचते ही परिवार में चित्कार मच गया. पूरे मकदमपुर में मातमी सन्नाटा पसर गया. रविवार को नम आंखों से अशरफ के शव को सुपुर्दे खाक किया गया.
पत्नी नहीं पहुंची
अशरफ मल्लिक की मौत की सूचना के बाद शव लेने पहुंचे परिजनों के साथ पत्नी नहीं आयी. बताया जा रहा है कि सात साल पूर्व अशरफ ने उड़ीसा के खूंटपानी की लड़की से प्रेम विवाह किया था. उसकी दो साल की बेटी भी है. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे. अक्सर विवाद होते रहते थे. इसको लेकर अशरफ अक्सर तनाव में रहता था. इस वजह से वह परिवार से अलग उड़ीसा के बनबहल में ही किराए के मकान में पत्नी और पांच साल की बेटी के साथ रहता था. पति की मौत के बाद पत्नी वहीं रह गई. शव के साथ ससुराल नहीं आयी, न ही अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया.