झारखंड बने 21 साल बीत चुके हैं वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस का कहर पूरे देश की तरह झारखंड में भी कोहराम मचा रहा है. वैसे कोरोनावायरस के कहर को देखते हुए झारखंड के सांसद विधायक और मंत्रियों ने अपने खजाने खोलते हुए एंबुलेंस मुहैया कराए हैं.
लेकिन उन एंबुलेंस का प्रयोग कहां हो रहा है इसका एक नजारा जमशेदपुर के बहरागोड़ा में देखा गया. आपको बता दें, कि जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा पिछले दिनों ग्रामीण के क्षेत्रों के लिए आठ और शहरी क्षेत्र के लिए एक एंबुलेंस जिला प्रशासन को सौंपा गया था, ताकि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के अलावा आम मरीजों को भी इसका लाभ मिल सके.
उधर जमशेदपुर पूर्वी पश्चिमी और घाटशिला के विधायकों ने भी अपने-अपने फण्ड से क्षेत्र के लिए एंबुलेंस जिला प्रशासन के माध्यम से मुहैया कराई है, लेकिन इस तस्वीर को देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
जहां एक 13 वर्षीय बच्चे को इलाज के लिए एंबुलेंस भी नसीब नहीं हुआ. परिजनों ने जुगाड़ का सहारा लिया और ठेले को एंबुलेंस बना बच्चे को अस्पताल पहुंचाया.
संक्रमण काल में भी एंबुलेंस की उपलब्धता ना हो पाना, स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही दर्शाता है. आम के पेड़ से गिरने की वजह से एक बच्चे के हाथ-पैर टूट गया. परिजन परेशान हो गए, कि अस्पताल कैसे ले जाए, क्योंकि एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी.
बच्चा लगातार दर्द से कराह रहा था. ऐसे में परिजनों ने जुगाड़ का सहारा लिया और ठेले को एंबुलेंस बना बच्चे को अस्पताल पहुंचाया. खास बात यह रही, कि मरीज को जब घर आना था, तब भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों की लापरवाही इतनी हद तक रही कि बच्चे को ठेले से ही घर वापस लाना पड़ा. दरअसल, बहरागोड़ा के कुलडिहा गांव निवासी तनु नामता के 13 वर्षीय पुत्र समय नामता आम के पेड़ से गिर गया था, जिससे उसका बायां पैर और बायां हाथ टूट गया.
उसे एक्स-रे कराने के लिए बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसके परिजनों द्वारा ठेले से लाया गया. इधर अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस की मांग नहीं की थी. इस वजह से अस्पताल से अपने घर तक जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दिया गया.
मरीज को घर वापस ले जाते वक्त भी उसे एंबुलेंस की मुहैया नहीं कराई जा सकी. इस संबंध में जब बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ओम प्रकाश चौधरी से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
.वहीं, जिले के सिविल सर्जन डॉ. एके लाल ने कहा कि अगर ठेले में किसी मरीज को लाया गया है तो यह गलत बात है. इसको संज्ञान में लेकर जांच करेंगे. दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए था, इस पर उन्हें जवाब तलब किया जाएगा.