जमशेदपुर (Rajan) बीते साल यास चक्रवात के दौरान राहत शिविर में 9 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपी वार्ड सदस्य सागर पाल उर्फ सुभाष को अदालत ने दोषी पाया है. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए एडीजे पांच संजय कुमार उपाध्याय ने सुभाष को दोषी करार दिया है.
अब अदालत ने 14 सितंबर को आरोपी को सजा सुनाने की तिथि मुकर्रर की है. घटना 26 मई 2021 की है. पूर्वी सिंहभूम जिले में यास चक्रवात को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया था. जहां निचले इलाके के लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया जा रहा था. इसी क्रम में आरोपी वार्ड सदस्य बच्ची को बहला- फुसला कर गोविंदपुर थाना क्षेत्र के पंचायत भवन में बने राहत शिविर के ठीक पीछे स्थित शौचालय में ले गया और वहां उसके साथ अश्लील हरकत की. इसके बाद गाड़ी सिखाने के नाम पर कार में भी अश्लील हरकत की.
मामले की जानकारी तब हुई, जब बच्ची रोते हुए अपनी मां के पास पहुंची और आपबीती बताई, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
व्यवहार न्यायालय में 12 से 16 सितंबर तक पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता शिविर का होगा आयोजन
जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में पांच दिवसीय मध्यस्थता शिविर आगामी 12 से 16 सितंबर तक लगाया जायेगा.
इस दौरान सड़क दुर्घटना दावा वाद एवं चेक बाउंस से संबंधित जमशेदपुर न्याय मंडल के विभिन्न न्यायालयों में लंबित मुकदमों का निष्पादन होगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव नितीश निलेश सांगा ने बताया कि इस विशेष मध्यस्थता कार्यक्रम में जमशेदपुर न्याय मंडल में लंबित उपरोक्त वादों की मध्यस्थता जिला विधिक सेवा प्राधिकार के स्थानीय मध्यस्थों द्वारा की जायेगी.
इसके लिए वैसे मुकदमे जिसमें दोनों पक्षकारों की सहमति के आधार पर सुलह होने की सम्भावना है. उसकी सूची तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के सभी न्यायिक पदाधिकारी तत्परता से इस विशेष मध्यस्थता कार्यक्रम को सफल बनाने की दिशा में लगे हुए हैं. बता दें कि सभी न्यायिक पदाधिकारी अपने अपने न्यायालय में लंबित उपरोक्त दोनों प्रकार के वादों में पक्षकारों को नोटिस भेजने की कार्रवाई कर रहे हैं और अपने स्तर से काफी प्रयास करते हुए दोनों पक्षकारों को समझा बुझा कर आपसी सुलह के आधार पर मध्यस्थता के लिए तैयार करने का प्रयास कर रहें हैं, ताकि अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन इस पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान में किया जा सके.
डालसा सचिव सांगा ने उपरोक्त वादों से सम्बंधित सभी मुकदमों के सभी पक्षकारों से अपील करते हुए कहा है कि इस पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता कार्यक्रम में अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन कराकर मुकदमों से निजात पाएं और अपने समय और पैसे की बर्बादी से बचें.
लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल के लिए 10 सितंबर तक डालसा कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं अधिवक्ता
नालसा एवं झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अधिन लिगल ऐड डिफेंस काउंसिल के तीन पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 5 सितम्बर से बढ़ाकर 10 सितंबर तक कर दी गई है.
इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सूचना निर्गत की गई है. अब 10 सितंबर तक चीफ लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल, डिप्टी चीफ लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल एवं असिसस्टेंट लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल के लिए आवेदन जमा किया जा सकता है. प्राधिकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि उपरोक्त पदों के लिए चयनित अधिवक्ता नीजी प्रैक्टिस अथवा नीजी स्तर पर केस की सुनवाई नहीं कर सकेंगे.
आवेदन स्पीड पोस्ट अथवा हाथों- हाथ सिविल कोर्ट परिसर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर के कार्यालय में अंतिम तिथि को संध्या पांच बजे तक जमा कर सकते हैं. निर्धारित समयावधि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा.
अनुबंध पर होगें बहाल
उपरोक्त सभी पदों पर नियुक्ति अनुबंध के आधार पर होगी. अनुबंध समाप्त होने पर अवधि विस्तार का अधिकार प्राधिकार के पास सुरक्षित रहेगा. नियुक्ति होने पर चीफ लिगल ऐड डिफेंस कौनसेल को प्रतिमाह 75 हजार रुपया, डिप्टी चीफ लिगल ऐड डिफेंस कौंसेल को 55 हजार रुपया तथा असिसस्टेंट लिगल ऐड डिफेंस कौंसेल को 35 हजार रुपया प्रति माह मिलेगा.
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