आज से चार दिन बाद यानी 25 दिसंबर को बड़ा दिन यानी क्रिसमस का त्यौहार है. मान्यता के अनुसार क्रिसमस के दिन प्रभु ईसा मसीह अवतरित हुए थे, और दुनिया को प्रेम का संदेश दिया था. इस दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में विशेष पूजा अर्चना करते हैं, और प्रभु यीशु का संदेशों लोगों तक पहुंचाते हैं. वैसे पिछले दो सालों से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुनिया भर के ईसाई समुदाय के लोग अपने- अपने घरों में रहकर ही क्रिसमस पर्व की खुशियां मना रहे हैं. इस साल भी संभावित ओमिक्रोन के खतरे को लेकर दुनियाभर के गिरजाघरों में आपदा के नियमों का पालन करते हुए क्रिसमस मनाने का निर्णय लिया गया है. इधर झारखंड की मिनी मुंबई कही जानेवाली जमशेदपुर, जहां सभी धर्म और संप्रदायों के लोग रहते हैं, यहां के गिरिजाघरों में इस साल भी क्रिसमस गैदरिंग पर रोक लगा दी गई है. जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित सेंट जोसेफ महा गिरजा के पल्ली- पुरोहित फादर एडविन कोइलो ने जानकारी देते हुए बताया, कि इस साल 24 दिसंबर की मध्य रात्रि को होने वाले विशेष पूजा- अर्चना को स्थगित करते हुए शाम के वक्त कुछ खास लोगों की मौजूदगी में प्रभु यीशु का जन्म उत्सव मनाया जाएगा. उन्होंने बताया, कि वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. समाज के लोग करेलिया के माध्यम से घूम- घूमकर प्रभु यीशु का संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं. साथ ही कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने का संदेश भी दे रहे हैं. इसके अलावा वैक्सीन लेने की अपील भी समाज के लोगों से कर रहे हैं. फादर एडमिन कोइली ने बताया, कि समाज के ज्यादातर लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन ले लिया है.
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