DESK झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सियासी ताना-बाना तेज हो गया है. इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर सौरभ तिवारी ने अपने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ साझा की है. जिसके बाद सियासी महकमें में चर्चाओं का दौर जारी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जमशेदपुर पूर्वी से सौरभ तिवारी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि झारखंड बीजेपी एक बार फिर से बोरो खिलाड़ियों के सहारे है. इसकी मुख्य वजह बीजेपी का बेंच स्ट्रेंथ कमजोर होना बताया जा रहा है. साथ ही यह भी साबित हो गया है कि बीजेपी को अपने समर्पित कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं रह गया है.
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बता दे कि पिछले विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गए थे. उन्हें निर्दलीय सरयू राय ने बुरी तरह से पटकनी दी थी. इसके साथ ही बीते 25 सालों से बीजेपी का अभेद्य किला रहा जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा बीजेपी के हाथ से निकल गया. इधर क्रिकेट के पिच को अलविदा कहकर राजनीति के पिच में बल्लेबाजी करने उतारे सौरभ तिवारी ने बीजेपी के चाणक्य अमित शाह से मुलाकात कर सियासी खलबली मचा दी है संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही सौरभ तिवारी जमशेदपुर के सियासी पिच पर नेट प्रैक्टिस शुरू करने वाले हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्रिकेट के पिच पर फ्लॉप साबित हुए सौरभ तिवारी सियासी पिच पर कितना हिट होंगे.
इधर दशकों से बीजेपी का झंडा जमशेदपुर पूर्वी में बुलंद करने वाले समर्पित भाजपाइयों में एक बार फिर से मायूसी छा गई है. वैसे टिकट की उम्मीद लगाए कई दिग्गज भाजपाई रघुवर दास के कार्यकाल में ही किनारे लगा दिए गए जो अब तक बाउंड्री लाइन के बाहर ही बैठे हैं. हाल के दिनों में युवा नेता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कुणाल सारंगी ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है. जनाधार वाले नेता अमरप्रीत सिंह काले, रतन महतो को अबतक पार्टी में एंट्री नहीं मिली है. अभय सिंह, राजकुमार सिंह सरीखे नेताओं को भी इस नए सियासी हलचल से मायूसी हाथ लग सकती है. कुल मिलाकर कहें तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी बोरो खिलाड़ियों के भरोसे चुनावी मैदान में उतरने वाली है. यही हाल जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा, जुगसलाई, पोटका, घाटशिला, बहरागोड़ा का भी है. यहां भी बीजेपी के पास कोई मैच जिताऊ खिलाड़ी नहीं है. ना ही बीजेपी थिंक टैंक को अपने समर्पित खिलाड़ियों पर भरोसा है.
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