जमशेदपुर: बैंकिंग अमेंडमेंट बिल और बैंकों के निजीकरण के विरोध में देशभर के बैंक यूनियनों के आह्वान पर आज से 48 घंटे का बैंक स्ट्राइक शुरू हो गया है. सुबह से ही बैंक कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं. बैंक हड़ताल में देशभर के दस लाख बैंक कर्मी शामिल हुए हैं. जमशेदपुर में भी इसका असर देखा जा रहा है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की ओर से केंद्र सरकार पर मनमाने तरीके से सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सपने की बात कहते हुए जनता से समर्थन मांगा गया है. बताया गया, कि केंद्र सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 15 लाख रुपए हर भारतीय के खाते में देने का ऐलान किया था. इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर जनधन खाते खोले गए थे. जिसमें एक रुपए भी लोगों के खाते में नहीं पहुंचे. दो करोड़ रोजगार देने का वायदा किया था, उल्टा वैश्विक आपदा के दौर में दो करोड़ नौकरियां चली गई. निजी बैंक मुद्रा लोन, शिक्षा लोन, हाउसिंग लोन, जन- धन योजना के तहत खाते की सुविधा प्रदान नहीं करती है, जबकि सरकारी बैंक इन सभी सुविधाओं को काफी कम ब्याज दरों पर उपलब्ध करा रही है. बैंकों का अगर निजीकरण हो गया तो, आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वही हड़ताली बैंक कर्मियों ने साफ कर दिया है, कि अगर सरकार अपनी हठधर्मिता पर काबिज रहेगी, तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा. बताया गया, कि 2 दिनों के बैंक हड़ताल से अकेले कोल्हान को 24 सौ करोड़ का नुकसान होने जा रहा है. इसके लिए सीधा सीधा जिम्मेदार केंद्र सरकार और केंद्र की नीतियां है.
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