सरायकेला- खरसावां जिला शिक्षा विभाग का नया कारनामा जान आप हैरान रह जाएंगे. जहां विभाग द्वारा शिक्षको को उच्च व उत्क्रमित उच्च विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाए जाने को लेकर घोर अनियमितता बरती गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से वर्ष 2019 में नियुक्त वैसे शिक्षक- शिक्षिकाएं जिनकी सेवा संपुष्टि भी नही हुई है और उनका सेवा पुस्तिका भी नही खुला है, उन्हें स्कूलो का प्रभारी प्रधानाध्यापक बना दिया गया है.
हालांकि विभाग द्वारा जारी इस सूची के विरोध में शिक्षक गोलबंद होने लगे है. बताया गया कि जिले के ऐसे विभिन्न कोटि के 82 उच्च विद्यालयों में शिक्षको को प्रभारी प्राधानाध्यापक बनाने को लेकर विभाग द्वारा नियमो की अनदेखी कर घोर अनियमितता बरती गयी है. शिक्षको ने बताया विभाग द्वारा स्कूलो के प्रभार निर्धारण करने में विभागीय निर्देश व मापदंडो का भी अनुपालन नही किया गया है. बताया गया स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के निर्देश पर निर्धारित मापदंडों के अनुसार विद्यालयवार वरीयता सूची निर्धारित की जानी थी, लेकिन ऐसा नही हुआ. नियम के अनुसार पांच वर्ष से अधिक सेवा का अनुभव रखने वाले शिक्षको को ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जा सकता है, लेकिन जिला शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलो के प्रभारी प्राधानाध्यापक को लेकर जो सूची जारी की गयी है उनमें अधिकांश स्कूलो में वर्ष 2019 में नियुक्त शिक्षको को विद्यालय का प्रभारी बना दिया गया है. जिनकी सेवा महज दो से तीन साल की है, जिन्हें विद्यालय संचालन की पूर्ण जानकारी भी नही है. ऐसे में विभागीय आदेश व नियमो को दरकिनार कर उन्हें प्रभारी प्रधानाध्यापक कैसे बनाया गया यह जांच का विषय है. सबसे बड़ी बात ये है कि 2019 में नियुक्त शिक्षको की सेवा संपुष्टि भी नही हुई और उनका सेवा पुस्तिका भी नही खुला है. बगैर सेवा संपुष्टि के शिक्षको को प्रधानाध्याक बनाया जाना समझ से परे है. जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी सच्चिदानंद तिग्गा ने बताया उच्च व उत्क्रमित स्कूलो में शिक्षको को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाए जाने को लेकर गलती हुई है. विभाग द्वारा जारी सूची को सुधार कर लिया जाएगा.
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