आदित्यपुर: सीआईआई झारखंड चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष और मशहूर उद्यमी आरएसबी ग्रुप के चेयरमैन एसके बेहरा ने कंपनी के भविष्य के उत्पादों को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि आरएसबी ग्रुप का इवी सेक्टर में तेजी से विस्तार चल रहा है, अगले दो- तीन सालों में कंपनी प्रोडक्शन के मुद्रा में आ जायेगी.
श्री बेहरा ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए बेबाकी से अपनी बातों को रखा. पेश है मीडिया के सवालों के जवाब के कुछ अंश….
इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ नीतियों में लचीलापन जरूरी
झारखंड में औद्योगिक विस्तार के विषय में श्री बेहरा ने बताया कि निःसंदेह झारखंड की औद्योगिक नीति अच्छी है, मगर इंफ्रस्ट्रक्चर को सुदृढ करने एवं उद्यमियों को सुरक्षा के साथ नीतियों में लचीलापन जरूरी है. दूसरे राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया जा रहा है साथ ही वहां उद्योग लगाना आसान है. सरकार खुद जमीन अधिग्रहण कर उद्यमियों को देती है, जिससे उद्योग लगाना आसान होता है.
आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की दुर्दशा पर
श्री बेहरा ने कहा कि दूरदर्शिता की कमी के कारण आज आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. जगह- जगह सड़कों की खुदाई के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. बाहर से आने वाले वाहनों का पार्किंग सुनियोजित तरीके से नहीं हो रहा है जिससे समस्याएं धीरे- धीरे विकराल होती जा रही है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात हुई थी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इंडस्ट्रियल एरिया को लेकर विस्तृत प्लान तैयार किया जाएगा.
मोमेंटम झारखंड की विफलता पर
श्री बेहरा ने पिछली रघुवर दास की सरकार के कार्यालय में शुरू किए गए मोमेंटम झारखंड को बगैर प्लानिंग के साथ किया गया प्रयोग बताया. उन्होंने कहा कि सरकार के इस अभियान का हिस्सा वे भी थे, मगर इतनी बुरी तरह यह अभियान फ्लॉप होगा इसका अंदाजा उन्हें नहीं था. इसके पीछे उन्होंने तीन कारण बताए. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रयास करना होगा जो कंपनियां पहले से संचालित हो रही हैं उन्हें प्रिविलेज देने की आवश्यकता है. देश के दूसरे राज्यों से आने वाले उद्योगों को ग्रीन कारपेट देना होगा. नए उद्योगों को प्रश्रय देने की जरूरत है.
ग्रुप के अस्पताल के विषय में
बता दें कि आदित्यपुर में आरएसबी ग्रुप का अस्पताल निर्माणाधीन है. उन्होंने बताया कि अगले दो-तीन सालों में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले फेज में 500 बेड के अस्पताल निर्माण की योजना है, हालांकि यह 1000 बेड का अस्पताल होगा जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल को नो प्रॉफिट नो लॉस के तर्ज पर संचालित किया जाएगा. ग्रुप का ध्यान इसपर केंद्रित है.
एयरपोर्ट के सवाल पर
एसिया के दूसरे सबसे बड़े इंडस्ट्रियल सेक्टर आदित्यपुर और दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उत्पादन कंपनी टाटा स्टील जैसे औद्योगिक इकाइयों के होते यहां एयरपोर्ट के ना होने पर उन्होंने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जब वे सीआईआई के अध्यक्ष थे तो कई बार उचित प्लेटफार्म पर इस मुद्दे को उठाया, मगर हर बार नतीजा सिफर रहा. परिणाम स्वरूप आज भी एक अदद एयरपोर्ट के लिए कोल्हान की भूमि तरस रही है. उन्होंने कहा कि इसका सदैव उन्हें मलाल रहेगा.
बता दें कि आरएसबी ग्रुप वर्तमान समय में 6000 से भी अधिक लोगों को सीधे रोजगार मुहैया करा रहा है. आदित्यपुर से निकलकर कंपनी के देश के कई राज्यों से होते हुए विदेशों तक कारोबार फैल चुके हैं. श्री बेहरा ने कहा कि यहां के युवाओं को दक्ष कर उन्हें हर कसौटी पर अपनी प्रतिभा बिखेरने के लिए तैयार किया जा रहा है. आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में उतरते ही इसका व्यापक स्वरूप देखने को मिलेगा.