सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के उत्तमडीह कालिंदीपाड़ा के जन्म से ही दिव्यांग युवक राहुल कालिंदी का दिव्यांगता पेंशन और लाल कार्ड से मिलनेवाला राशन कभी भी बंद हो सकता है. क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं है. इसको लेकर राहुल के माता-पिता और परिजन चिंतित हैं. कई बार परिजनों ने सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों के पास गुहार लगाई. यहां तक, कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दरवाजे भी खटखटाए नतीजा अब तक सिफर ही रहा है. दिव्यांगता पेंशन देनेवाले बैंक का कहना है, कि अगर समय पर आधार कार्ड जमा नहीं किया गया तो उन्हें मजबूरन पेंशन बंद करना होगा. यहां तक कि सरकारी पीडीएस डीलर द्वारा भी परिजनों को आधार कार्ड जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है, कि अगर आधार कार्ड जमा नहीं किया गया, तो मजबूरन राहुल कालिंदी का राशन बंद कर दिया जाएगा. हताश परिजन दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन अब तक दिव्यांग राहुल कालिंदी का आधार कार्ड नहीं बन सका है.
वैसे राहुल का पूरा परिवार गरीबी रेखा से भी नीचे का जीवन बसर करता है. सुबह भोजन बनता है, तो रात की चिंता सताती है. रात को भोजन बनता है, तो सुबह की चिंता सताती है. उतने पैसे नहीं, कि हर दिन सरकारी दफ्तरों की दौड़ लगा सके. स्थानीय वार्ड पार्षद कुंती महतो के पति महेश्वर महतो जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष भी हैं, उनका दावा है, कि उन्होंने कई बार पीड़ित को आधार केंद्र तक भिजवाया, मगर आंख और बायोमेट्रिक सकैनिंग में दिक्कत होने के कारण राहुल का आधार कार्ड नहीं बन रहा है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर बायोमैट्रिक स्कैनिंग के बिना कैसे दिव्यांग राहुल को पेंशन और सरकारी राशन मिले. राहुल जन्मजात दिव्यांग है और उसकी स्थिति ऐसी है कि 24 घण्टे बिस्तर पर ही रहता है. न बोल पता है न चल फिर पता है. शौच के लिए भी अपनी मां पर आश्रित राहुल की मां को चिंता इसी बात की है कि आखिर उनके बाद राहुल का क्या होगा. बहरहाल सरकारी अधिकारियों को सरकार से ऐसे मामलों में रायशुमारी कर कोई रास्ता निकालने की जरूरत है, ताकि राहुल की तरह और कोई परेशान न हो.
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