झारखंड बने 21 साल बीत चुके हैं. झारखंड किसके लिए बना यह आज भी प्रासंगिक विषय बना हुआ है. निश्चित तौर पर झारखंड आदिवासियों के उत्थान के लिए बना, लेकिन 21वीं सदी के इस झारखंड में आज भी ह्यूमन ट्रैफिकिंग, महिला उत्पीड़न, शराब पीकर हिंसा फैलाना, महिलाओं पर अत्याचार, डायन प्रथा जैसी कई कुरीतियां आदिवासी समाज में व्याप्त है. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला मंगलवार को सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाने पहुंचा. जहां ममता हेंब्रम नामक आदिवासी महिला ने अपने सास-ससुर पति और देवर पर जो आरोप लगाए उसने 21 वीं सदी के बदलते झारखंड की अजीबोगरीब तस्वीर समाज के सामने और आदिवासी हित की बात करने वाले नेताओं और जनप्रतिनिधियों के साथ जिला पुलिस और प्रशासन के समक्ष रख दी है. ममता हेंब्रम ने बताया, कि उसकी शादी 2007 में कल्पना पुरी के समीप स्थित सी रोड निवासी मनोज हेंब्रम के साथ हुई थी. शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन थोड़े ही दिन बाद पति शराब पीकर घर आने लगा और उसके साथ मारपीट और अमानवीय बर्ताव करने लगा. सास- ससुर और देवर उसे पैसे कमाने के लिए दबाव बनाने लगे और वेश्यावृत्ति के रास्ते पर ले जाने का प्रयास करने लगे. 2008 में उसे एक बेटी हुई और 2013 में एक बेटा हुआ. 2020 में पति बेटे को कहीं ले जाकर बेच दिया. पूछने पर सास- ससुर और पति ने बताया, कि अगर धंधे में नहीं उतरेगी तो बेटी को भी ले जाकर कहीं बेच देंगे. थक हार कर महिला टीएमसी नेत्री वीणा देवी के साथ मंगलवार को आदित्यपुर थाना पहुंची और अपने पति, सास- ससुर और देवर के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा, कि इस मामले में महिला को कब तक इंसाफ मिलता है.
Exploring world