जमशेदपुर: योग गुरु बाबा रामदेव फिर सुर्खियों में हैं. इस बार बाबा मॉडर्न चिकित्सा और दवाइयों पर दिए गए बयान को लेकर चर्चा में हैं. वैसे बाबा रामदेव के बयान को लेकर दिल्ली से लेकर झारखंड तक विरोध शुरू हो चुका है. जहां आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ मानहानि का दावा ठोका है. वही देशभर के डॉक्टर स्वामी रामदेव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. इधर जमशेदपुर आइएमए ने भी स्वामी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जमशेदपुर आईएमए के अध्यक्ष डॉ उमेश खां ने बताया कि आयुर्वेद की तुलना मॉडर्न मेडिसिन और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से नहीं हो सकती है. मॉडर्न मेडिसिन और चिकित्सा रिसर्च और विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही आम लोगों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, जबकि आयुर्वेद के चक्कर में पड़कर लोग अपना जीवन संकट में डाल लेते हैं. उन्होंने स्वामी रामदेव के उस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों पर साजिश के तहत मरीजों को मारने का आरोप लगाया है. वही एक निजी नर्सिंग होम के संचालक डॉ सौरभ चौधरी ने भी स्वामी रामदेव के बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए वैश्विक आपदा के इस घड़ी में विश्व समुदाय को बांटने का आरोप लगाया है. उन्होंने एलोपैथिक पद्धति को प्रमाणिक पद्धति बताते हुए इसके इलाज को सटीक बताया. वहीं उन्होंने स्वामी रामदेव से माफी मांगने और देश के प्रधानमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से स्वामी रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्यवाई किए जाने की मांग की. वैसे उन्होंने कहा, कि योग हमारी प्राचीन चिकित्सा शैली है. जिसका हम अनुसरण करते हैं. इसका मतलब ये नहीं हुआ, कि हम एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति का विरोध करें.