जमशेदपुर में कोरोना महामारी के कहर के बीच बालू माफियाओं की चांदी कट रही है. राज्य में हाइवा और बड़ी गाड़ियों से बालू उठाव और खनन चुनिंदा घाटों से ही किया जा सकता है. वैसे बोरियों से बालू उठाव पर रोक नहीं है. मगर सरकार के आदेश को बालू माफियों ने उद्योग में तब्दील कर दिया है.
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खरकई नदी तट जहां से हो रहा अवैध बालू उठाव
इसका नमूना अगर आपको देखना है तो चले आइए जमशेदपुर के सोनारी और कदमा थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाली मरीन ड्राइव सड़क पर. आपको समझते देर न लगेगी, कि कैसे बालू माफिया दिन के उजाले में बालू के अवैध कारोबार का संचालन कर रहे हैं. वैसे बालू माफिया बेहद ही चतुराई से गरीबों को ढाल बनाकर सरकार को हर दिन लाखों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं.
यहां छुपाकर डंप किया जाता है बालू
हालांकि दिन भर पुलिस पेट्रोलिंग की गाड़ी और न जाने कितने ही आला अधिकारियों की गाड़ियां इस मार्ग से पार होती है, लेकिन इस खेल को या तो देख कर वे नजरअंदाज कर आगे निकल जाते हैं, या उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं, कि छोटे-छोटे बालू के ढेर के पीछे कितना बड़ा खेल चल रहा है. वैसे जमशेदपुर और सरायकेला को जोड़नेवाले खरकई नदी में बने पुल पर स्थायी चेकनाका भी बना हुआ है. जहां 24 घंटे पुलिस की मौजूदगी रहती है. ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता, कि इसके पीछे स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत है.
मरीन ड्राइव पर बालुओं के टीले
आइए आपको अब बालू के इस काले खेल से अवगत कराते हैं. कैसे बालू माफिया सरकार को हर दिन लाखों के राजस्व का चूना लगा रहे है.
मरीन ड्राइव के एक छोर पर खरकई नदी है. और दूसरे छोर पर छोटे-छोटे स्लम बस्तियां हैं. इन बस्तियों में बड़े तादाद में महिला और पुरुष मजदूर रहते हैं. लॉकडाउन के कारण इन बस्तियों के सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए बालू माफिया इन बेरोजगार हुए मजदूरों का लाभ उठाते हुए इनसे छोटे-छोटे बोरियों से 10 से 15 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से बालू ढुलवाते हैं और बस्ती के आसपास डंप करवाकर डाला टेम्पो और ट्रैक्टर से ढुलवाकर सीधे सप्लाई कर देते हैं. दिनभर में एक मजदूर 25 से तीस बोरियों की ढुलाई कर लेते हैं जिससे उनकी अच्छी खासी आमदनी भी हो जाती है. पूरे इलाके में यह काला कारोबार काफी तेजी से फलीभूत हो रहा है. जहां आपको गली-गली में छोटे छोटे बालुओं के ढेर नजर आ जाएंगे. जिसे दिनभर यहां के मजदूर खरकई नदी से ढोते हैं और शाम को इन्हें बेचते हैं.
बालू ढुलाई करती महिला गरीब मजदूर
इनकी आड़ में बालू माफिया सरकार को हर दिन लाखों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं. हम मजदूरों का हक नहीं मारना चाह रहे हैं, मगर दिनभर हाड़तोड़ मेहनत कर ये मजदूर गैरकानूनी काम कर रहे हैं और बालू माफिया इनकी आड़ में सरकारी राजस्व का दोहन कर रहे हैं. इससे नुकसान किसका हो रहा है यह समझने की जरूरत है.
मरीन ड्राइव पर बालुओं का स्टॉक
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