ईचागढ़ (बिद्युत महतो) सरायकेला- खरसावां जिला के ईचागढ़ व कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. आए दिन गजराज कहीं लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं, तो कहीं खेतों व घरों को निशाना बना रहे हैं. गजराजों के आतंक का मामला शीतकालीन सत्र में भी गूंजा. सांसद संजय सेठ के सवाल पर हाथियों के लिए उठाए जा रहे कदम की जानकारी दी गई, मगर चांडिल अनुमंडल में हाथियों के कोहराम को रोकने में वन विभाग अब भी लाचार और बेबस है.
परिणाम ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. इन दिनों ईचागढ़ थाना क्षेत्र में एक बीमार हाथी भटकता देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि हाथी के मल के साथ खून भी निकल रहा है. वन विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है. बीमार हाथी को दिन के करीब 10 बजे तक डुमरा गांव में विचरण करते देख ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गया. हाथी को रोग ग्रस्त देखकर ग्रामीणों ने उसे पिलीद जंगल की ओर खदेड़ दिया.
इधर कुकड़ु प्रखंड क्षेत्र के डाटम गांव में हाथियों ने बिभूती महतो, जोगो महतो सहित कई किसानों के खेतों में रखे कटे धानों व सब्जी की खेती को रौंदकर नष्ट कर दिया. लगातार हाथियों के उत्पात से क्षेत्र के लोग काफी डरे व परेशान हैं. वहीं पूर्व मुखिया पंचानन पातर ने बताया कि डुमरा गांव में आज दिन को ही एक हाथी आ गया. हाथी के दस्त के साथ खून भी आ रहा है. हाथी काफी उम्रदराज व जीर्नशीर्ण अवस्था में है. उन्होंने कहा कि हाथी काफी कमजोर लग रहा है. इस हाथी को तत्काल उपचार की जरूरत है. उन्होंने वन विभाग से उक्त हाथी का उपचार कराने व क्षेत्र में उत्पात मचा रहे अन्य हाथियों को क्षेत्र से भगाने की मांग की है.
Reporter for Industrial Area Adityapur