सरायकेला- खरसवां जिला के ईचागढ़ व कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को बंगला पंचांग के अनुसार माघ आखाइन जात्रा के रूप मे मनाया गया. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दूसरे दिन पहले माघ को जात्रा का दिन यानी शुभ दिन माना जाता है. इस दिन हल चलाकर व गोबर काटकर कृषि कार्य प्रारम्भ किया जाता है. ग्रामीण नया घर बनाने का भी शुभारंभ करते हैं. एक- दूसरे के घर जाकर पैर छूकर आर्शीवाद लेते हैं. हर झगड़े, मनमुटाव को भुलाकर पड़ोसियों का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया जाता है.

परम्परा के अनुसार किसान अपने खेतों की हल से जुताई कर आखाइन जात्रा मनाया और कृषि कार्य का प्रारम्भ किया. ग्रामीण एक- दूसरे के घर जाकर बड़े- बुजुर्गों का पैर छूकर आर्शीवाद लिया. घर आए मेहमानों का स्वागत पैर धुलाकर व पैरों मे तेल लगाकर किया गया. वहीं पीठा- मुढ़ी खिलाकर घर से विदा किया. इसी तरह गांवों मे लोग एक- दूसरे के घर जाकर आखाइन जात्रा मनाया.
किसान सुचांद महतो ने बताया कि इस क्षेत्र का पौराणिक रिवाज है, कि खेतों मे हल चलाकर जात्रा करना है. नये वस्त्र पहनकर नये हल व नये रस्सी का प्रयोग किया जाता है. कहा कि घर- घर जाकर बड़ों का आर्शीवाद लिया गया. एक- दूसरे को पीठा- मुढ़ी आदि खिलाने का परम्परा निभाया गया.
