दुनियाभर में 12 अगस्त को वर्ल्ड हाथी दिवस (World Elephant Day) के रूप में मनाया जाता है. एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता पैदा करने और ध्यान आकर्षित करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को लॉन्च किया गया था.
वैसे 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गई थी. जहां 2017 में हुए हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती जा रही है.देश में इस समय 27 हजार हाथी बचे हैं. 02 हजार से ज्यादा हाथियों को बंधक बनाया गया है.
10 लाख हाथी थे देश में एक दशक पहले. 100 हाथियों को हर साल मार दिया जाता है. 500 लोगों की मौत हो जाती है हाथी से संघर्ष में.
आइए जानते हैं हाथियों के विषय में कुछ अन्य रोचक जानकारियां
जन्म के 20 मिनट बाद ही हाथी का बच्चा खड़ा हो जाता है. हाथी दिनभर में 150 किलो खाना खा लेता है. अगर वजन की बात करें तो हाथी का वजन 5 हजार किलो तक हो सकता है.
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 12अगस्त
आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस है. इसे एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है. ताकि युवाओं की आवाज, कार्य और उनकी सार्थक पहल को विश्वस्तर पर पहचान मिल सके. हर साल की तरह इस साल भी 12 अगस्त को इसे दुनियाभर में मनाया जाएगा. हालांकि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार के कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से किए जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को यह फैसला लिया गया कि 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार साल 2000 में किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है सामाजिक, आर्थिक और राजनीती के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना. वैसे पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है. यहाँ 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं. अर्थात् हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है. आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की.
इसरो के जनक डॉ विक्रम साराभाई की जयंती
डॉ. विक्रम साराभाई की ही कोशिशों की बदौलत स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की स्थापना की गई. आज अंतरिक्ष खोज और अभियानों में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की जो धाक है उसके पीछे डॉ. विक्रम साराभाई की दूरदृष्टि की बड़ी भूमिका है. आधुनिक भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की 101वी जयंती है. 12 अगस्त 1919 को विक्रम साराभाई का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था. आज अंतरिक्ष कार्यक्रमों के क्षेत्र में भारत का जो दुनिया में स्थान है उसमें डॉ. साराभाई का अहम योगदान है.
जिस उम्र में हम अपने लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते हैं, उस उम्र में डॉ.साराभाई ने इसरो जैसे संस्था की स्थापना में अहम भूमिका निभाई. जब रूस ने स्पुतनिक लॉन्च किया उस समय डॉ.साराभाई की उम्र 28 साल थी. उन्होंने भारत सरकार को इसरो की स्थापना के लिए राजी किया. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील राष्ट्र को भी चांद पर जाना चाहिए. इस तरह से इसरो की स्थापना हुई.
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