बीते बुधवार को जुगसलाई रेलवे फाटक के समीप ट्रेन के आगे कूदकर पिता- पुत्री द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद शहर में सनसनी फैली हुई है. हर तरफ इस घटना की चर्चा है. आपको याद दिला दें कि बीते बुधवार की शाम टाटा स्टील कर्मी प्रीतपाल सिंह सैनी और उनकी पुत्री ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पूर्व प्रीतपाल सिंह ने एक सुसाइडल नोट छोड़ा था और रेलवे फाटक के समीप चीख- चीखकर अपने और अपनी पुत्री के आत्महत्या के लिए अपने सगे भाई परमजीत सिंह सैनी और बिष्टुपुर थाना पुलिस के अधिकारियों को जिम्मेवार ठहराया था. दरअसल मृतक की पत्नी के अपने जेठ यानी परमजीत सिंह के खिलाफ बिष्टुपुर थाने में एक साल तक भया दोहन कर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. इसको लेकर परमजीत सिंह के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया था, लेकिन बिष्टुपुर थाना पुलिस द्वारा परमजीत सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया था. उधर परमजीत सिंह द्वारा मृतक की पत्नी एवं उनके पुत्रियों को यह कहकर धमकी दी जा रही थी, कि अगर केस नहीं उठाते हो तो इस नाजायज संबंध की जानकारी सभी को दे दी जाएगी. दोनों पिता-पुत्री ने मानसिक रूप से प्रताड़ना झेलने के बाद अंततः मौत को गले लगाना ही मुनासिब समझा. और वही वही किया. घटना के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई है. आनन-फानन में दुष्कर्मी भाई ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि उसकी पत्नी को उसके मायके से गिरफ्तार कर लिया गया. इधर मामले की जानकारी मिलते ही राज्य के मंत्री सह स्थानीय विधायक बन्ना गुप्ता शुक्रवार को पीड़ित परिवार के घर पहुंच उन्हें सांत्वना देते हुए इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने राज्य पुलिस महानिदेशक से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर इस मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग किए जाने की बात कही. वैसे जमशेदपुर पुलिस के जांबाज पदाधिकारियों पर गाज कब गिरेगी इस पर मंत्री जी ने कुछ भी नहीं बताया. हालांकि उन्होंने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए स्पीडी ट्रायल के जरिए दोषियों को सजा दिलाए जाने की बात कही.
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