रांची/ K. D Rao हजारीबाग के चर्चित पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को राजधानी रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि पुलिस ने की है. पत्निहंता के आरोपी अशोक कुमार की गिरफ्तारी लोहसिंघना थाना प्रभारी संदीप कुमार और उनके टीम ने गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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रविवार को संध्या लगभग 7:10 में पूर्व एसडीओ अशोक कुमार गिरफ्तारी होने की पुष्टि की गई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी के क्रम मे हजारीबाग पुलिस को भारी दबाव का भी सामना करना पड़ा. तमाम दबाव और विरोध के बाद हजारीबाग पुलिस ने पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को अपनी हिरासत में ले लिया, और उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारीबाग लाने की तैयारी भी चल रही है. 31 जनवरी को हजारीबाग व्यवहार न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी थी. इसके बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. इस मामले में हजारीबाग पुलिस ने कोर्ट में पुलिस डायरी भी जमा कर चुकी है. पत्नी को जिंदा जलाकर मारने का आरोप हजारीबाग के तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को जिंदा जलाकर मार डाला है. 26 दिसंबर को झील रोड स्थित एसडीओ आवास में सुबह करीब 6:30 से 7:00 बजे एसडीएम की पत्नी अनीता देवी गंभीर रूप से झुलस गई थीं. आग से बुरी तरह झुलसने के बाद, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई, और फिर बीजीएच बोकारो और रांची में इलाज के लिए भेजा गया. 28 दिसंबर की सुबह अनीता देवी का निधन हो गया था. निधन के बाद मृतक अनीता देवी के भाई राजू कुमार गुप्ता सहित अन्य परिजन, समाजसेवी एवं राजनीतिक दल के लोगों ने लोहसिंघना थाना का घेराव भी किया था. यही नहीं तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार की गिरफ्तारी नहीं होने पर समाहरणालय परिसर के सामने एकदिवसीय महाधरना दिया गया था. जिसके बाद हजारीबाग सदर एसडीओ अशोक कुमार के खिलाफ पत्नी को जलाकर मारने के आरोप में लोहसिंघना थाना में मामला दर्ज कर किया गया. मामले के सूचक एसडीओ के साला राजू कुमार गुप्ता बने थे. उसने एसडीओ अशोक कुमार समेत चार लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें एसडीओ के पिता दुर्योधन साव छोटा भाई शिवनंदन कुमार एवं छोटे भाई की पत्नी रिंकू देवी का नाम शामिल हैं. आरोप है कि एफआईआर दर्ज कराये जाने के बाद आरोपी ने मृतक के परिजन को खत्म करने की धमकी दे रहे थे.
इस क्रम मे मामले को सुलझाने की कोशिश हुई थी. यह भी आरोप लगाए गए हैं कि अशोक कुमार का किसी दूसरी महिला से अवैध संबंध था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होता रहता था. एक बार इस मामले में उनके ससुराल पक्ष के लोग और उनके परिवार बैठ के लोगों ने बातचीत भी की थी. जिसमें अशोक कुमार ने बोला था कि अगली बार से शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. इसके बाद भी दोनों के बाद बीच विवाद हुआ और फिर यह घटना घटी है. एफआईआर दर्ज होने के बाद सरकार ने अशोक कुमार को पद से मुक्त करते हुए उनका स्थानांतरण रांची में कर दिया था. वो रांची से ही मामले को खत्म कर मामला शांत करने का खेला रच रहे थे. कोर्ट के द्वारा जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद भी आरोपी अपनी पैरवी और पहुंच दिखाकर खुले घूम रहे थे और पीडित परिवार को तरह- तरह से धमकी दे रहे थे. रविवार संध्या जब पुलिस उनके आवास पहुंची थी तब भी उन्होंने धमकी देना चालू कर दिया था. बताया जाता है कि अशोक की गिरफ्तारी रोकने के लिए पैरवी भी खुब हुई.
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