गुजरात की विजय रूपाणी सरकार (Vijay Rupani Government) को कथित लव जिहाद (Love Jihad) कानून पर हाईकोर्ट से झटका लगा है. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कानून की कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है.
इसमें एक धारा FIR दर्ज करने को लेकर भी थी. इस पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि लड़की को लालच देकर फंसाया गया है, तब तक किसी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज न की जाए. हाईकोर्ट ने ये फैसला जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनाया है. जमीयत ने इस कानून पर रोक लगाने की मांग की थी. गुजरात सरकार ने इसी साल 15 जून को कथित लव जिहाद को रोकने के लिए ‘गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021’ लागू किया था. याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने इस कानून की धारा- 3, 4, 5 और 6 के संशोधनों को लागू करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कहा, पुलिस में FIR तब तक दर्ज नहीं हो सकती, जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि शादी जोर-जबरदस्ती से और लालच में फंसाकर की गई है. कथित लव जिहाद को रोकने के लिए गुजरात सरकार इस साल 1 अप्रैल को विधानसभा में पास किया था. इसके बाद राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसे 15 जून से लागू कर दिया गया है. इस कानून के तहत तीन से पांच साल की सजा का प्रावधान हो गया. वहीं अगर पीड़ित एसटी, एससी समुदाय से है, तो ये सजा 7 साल तक की हो सकती है. इस कानून के लागू होने के बाद अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ जबरन या धोखे से शादी करता है और उसके बाद धर्म बदलने का दबाव डालता है तो उसे कैद और जुर्माने के साथ दोनों को सजा हो सकती है .
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