घाटशिला: पूर्व मंत्री व झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय यदुनाथ बास्के का गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके पुश्तैनी श्मशान घाट पर कर दिया गया. उनका निधन बुधवार दोपहर घाटशिला के सुवर्णरेखा नर्सिंग होम में इलाज के क्रम में 95 वर्ष की आयु में हो गया था.
गुरुवार को पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव रंगामटिया उनके घर पर लाया गया. जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भीड़ लगी हुई थी. उनके पार्थिव शरीर को परंपरा के अनुसार परिवार वालों द्वारा घर से निकाल कर गांव की सीमा पर लाकर रखा गया जिसमें उनकी धर्मपत्नी 85 वर्षीय बासोमती बास्के भी अपने पति को अंतिम विदाई देने गांव की सीमा तक आई, और अंतिम विदाई दी.
जिसके बाद एसएसपी डा. एम तमिल वानन, ग्रामीण एसपी मुकेश कुमार लूनायक, उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, एसडीएम सत्यवीर रजक, डीएसपी चंद्रशेखर आजाद की देखरेख में बास्के बाबू के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ तिरंगे में लपेटा गया और फूलों से सजे वाहन पर रखा गया. इसके बाद उनके गांव से उनकी अंतिम यात्रा झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय पहुंची. जहां झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने उनके पार्थिव शरीर पर झामुमो का झंडा उनके शरीर पर ओढ़ाया. जहां विधायक रामदास सोरेन, समीर महंती, इचागढ़ की विधायक सविता महतो, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, मोहन कर्मकार, राजू गिरी, शंकर चंद्र हेंब्रम, कान्हू सामंत, बाघराय मार्डी, जगदीश भकत, प्रधान सोरेन, बूढ़ेश्वर मुर्मू, दिनेश साव, सनत कुमार मिश्रा, साकेत अग्रवाल, सिकंदर शाह, राम चन्द्र मुर्मू, सोमाय सोरेन सहित सैकड़ों लोगों ने उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया.
जिसके बाद उनकी अंतिम यात्रा पार्टी कार्यालय से प्रारंभ होकर उनके पैतृक श्मशान घाट तक पहुंची. जहां मंत्री विधायक सहित एसएसपी, ग्रामीण एसपी, एसडीएम, डीडीसी, डीपीआरओ, सीओ, बीडीओ पार्टी के सभी बड़े छोटे नेता व कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न दलों व संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी गई.
पुलिस के जवानों द्वारा शास्त्र को झुका कर और उनके सम्मान में 3 फायर कर उन्हें सलामी दी गई. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए बनाई गई बेदी पर लिटा दिया गया. जिसके बाद पुलिस के जवानों द्वारा सम्मान पूर्वक तिरंगा उनके शरीर से हटाकर उनके बड़े पुत्र जगदीश बास्के को सम्मान पूर्वक सौंप दिया. परंपरा के अनुसार सारे विधि-विधान को पूर्ण कर उनके बड़े पुत्र जगदीश बास्के ने उन्हें मुखाग्नि दिया. सभी ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी.