घाटशिला ब्यूरो राजेश चौबे की रिपोर्ट
घाटशिला: अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. आस्था के केंद्र राममंदिर के निर्माण में झारखंड का सिंहभूम क्षेत्र भी भावनात्मक रूप से जुड़ेगा. यहां के शुद्ध तांबे की चमक प्रभु श्रीराम के मंदिर में दिखे इसके प्रयास चल रहे है. अयोध्या में बनने जा रहे प्रभु श्री राम के मंदिर से पूरे देश को किसी न किसी रूप से भावनात्मक रूप से जोड़ा जा रहा.
सिंहभूम क्षेत्र भी इस भव्य मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दे सकेगा. ऐसा सिंहभूम के ताम्र खदानों से संभव होता दिख रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड़(एचसीएल) का ताम्बा भी भव्य राममंदिर निर्माण कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा. कंपनी के ताम्बे का अंश भी मंदिर के निर्माण से जुड़कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेगा. यह क्षेत्र के लिए भी गौरव का विषय बना. इसके लिए अयोध्या मंदिर निर्माण से जुड़ी कंपनी भी यहां के तांबे के सैम्पल को देख परख चुकी है. एचसीएल/ आईसीसी का तांबा शुद्ध 99.9 प्रतिशत है. यहां के खदानों से अयस्क निकाल कर मउभण्डार आईसीसी कारखाना में उसे तांबा का स्वरूप दिया जाता है. अब उसी ताम्बे का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में होने की बात से ही ताम्बे की चमक दोगुनी बढ़ गई हैं. श्रद्धालुओं व खासकर ताम्रवासियों में खुशी है कि यहां के तांबे का इस्तेमाल की पूरी औपचारिकताएं पूरी होकर मंदिर के निर्माण में ताम्बे का इस्तेमाल हो रहा है. इसके लिए निर्माण कार्य से जुड़ी टीम ने कई अलग- अलग बिंदुओ पर यहां के ताम्बे को परखा है, जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यहां का ताम्बा मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल हो सकता है, क्योंकि यहां का ताम्बा 99.9 प्रतिशत शुद्ध कॉपर है. प्रभु श्रीराम के भक्त ललायित थे कि ताम्रनगरी का ताम्बा प्रभु श्रीराम के धाम अयोध्यानगरी के लिए रवाना किया गया. ताम्रनगरी के साथ ही सिंहभूम क्षेत्र के लोग अयोध्या में यहां के ताम्बे की चमक को देख कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे. सिंहभूम क्षेत्र में एचसीएल/आईसीसी की ताम्र खदानें है. जिसकी ताम्र की पहचान देश- विदेशों में है. अब उसी ताम्र क्षेत्र सिंहभूम के खदानों से निकली तांबे की चमक भव्य राममंदिर में दिख सकेगी.