गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
गया: आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बिहार के गया में लोगों ने कुछ अलग हटकर कार्यक्रम किया. महिला-पुरुष हों या वृद्ध व बच्चे सभी ने मिलकर कुछ ऐसा किया काम कि विश्व पर्यावरण दिवस को यादगार बना दिया. यहां सैकड़ों लोग माथे पर जलभरी और हाथों में पौधे लेकर नाचते गाते शहर के ब्रह्मयोनी पहाड़ पर चढ़े और वहां पर वृक्षारोपण किया.
ढोल बाजे के साथ इनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर किया गया यह कार्य समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया.
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दरअसल यहां सुबह टहलने वालों की एक टीम है, जो प्रतिदिन साइकिल पर पानी से भरे डिब्बे लेकर पहाड़ पर पहुंचती है और पेड़ों को सिंचित करती है. साथ ही इस टीम के लोग नए पौधों को भी पहाड़ पर जगह- जगह लगाते हैं और उनकी देखभाल भी करते हैं. इस टीम के लोग अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ इत्यादि यादगार पलों में भी अपने नाम का वृक्ष लगाते हैं.
आज इस टीम के लोगों ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में बृहद रूप से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना योगदान दिया.
कार्यक्रम में शामिल राकेश तिवारी ने कहा कि पूर्व में पिता और दादा जी के द्वारा अक्सर पौधा लगाने का कार्य किया जाता था. उन्हीं से प्रेरणा लेकर अब अपने जीवनकाल में हजारों पौधे लगा चुके हैं. लगभग 15 वर्षों से यह सिलसिला चल रहा है. मुख्य रूप से हम रोहतास के रहने वाले हैं. वहां भी एक हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं, अब गया आकर पौधारोपण कर रहे हैं और शहर के ब्रह्मयोनि पहाड़ी पर जल रथ के माध्यम से प्रतिदिन 2 सौ लीटर से भी ज्यादा पानी ले जाकर पौधों को सिंचित कर रहे हैं. इससे पर्यावरण का संतुलन बना रहेगा. इसके प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
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राकेश तिवारी, रोहतास जिला निवासी.
वहीं पर्यावरण के इस मुहिम में शामिल धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वर्षों से पौधारोपण एवं पौधों को सिंचित रहने का कार्य कर रहे है. पहले यहां ब्रह्मयोनि पहाड़ी पर वीरानी छाई रहती थी, सुबह में कुछ लोग टहलने आते थे. उन्हीं के द्वारा इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई और धीरे-धीरे सैकड़ों लोग इससे जुड़ गए. अब प्रतिदिन 2 सौ लीटर से भी अधिक पानी से पौधों को सिंचित किया जा रहा है. यही वजह है कि यहां का पर्यावरण हरा-भरा और शुद्ध हो गया है. आगे आने वाले समय में भी यह अभियान लगातार चलता रहेगा.
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धर्मेंद्र कुमार (स्थानीय निवासी)