गया (Pradeep Kumar Singh) शहर के गेवाल बिगहा मोड़ के समीप स्थित गया संग्रहालय के प्रांगण में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के गया चैप्टर के तत्वाधान में बिहार की संस्कृति एवं प्राकृतिक धरोहर संरक्षण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
जिसमें कई बुद्धिजीवी एवं गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान बिहार की धरोहरों को संरक्षित करने को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुरातत्व विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. उमेश चंदूवेदी शामिल हुए.
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इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गया संग्राहलय के प्रभारी डॉ. शिव कुमार मिश्र ने कहा कि संग्रहालय का काम है कि अपने सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करें. साथ ही उसका संरक्षण एवं संग्रह करें. इसके अलावा सुरक्षा भी प्रदान करें.
इसी कार्यक्रम के तहत गया संग्रहालय में बिहार की संस्कृति एवं प्रकृति धरोहर संरक्षण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है. यह दो दिवसीय कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आए हैं. इस कार्यक्रम में शामिल लोगों को यह बताया गया कि किस तरह से अपने धरोहर को बचाकर रखना है ? धरोहरों के बारे में लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है. जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, वे लोगों को जागरूक करने का भी काम करेंगे. बिहार सांस्कृतिक संपदाओं के रूप में समृद्ध है. इसलिए हमें अपने संस्कृति एवं धरोहरों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इस कार्यक्रम में आए लोगों का यह दायित्व बनता है कि वे जहां भी जाएं, अपने घरों के बारे में लोगों को जागरूक करें. साथ ही उन्हें संरक्षित रखने के बारे में बताएं.
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डॉ. शिवकुमार मिश्र (संग्रहालय प्रभारी)