गया/ Pradeep Ranjan हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता और निर्देशक स्व. राज कपूर की जयंती शहर के कालीबाड़ी मोहल्ला स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश कार्यालय में मनाई गई. इस दौरान लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन व्यक्त किया.
इस मौक़े पर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने कहा की भारतीय सिनेमा के शोमैन न केवल एक अद्वितीय अभिनेता और निर्देशक थे, बल्कि वे भारतीय सिनेमा की आत्मा के प्रतीक भी थे. अभिनेता राज कपूर का जीवन और उनकी कला समाज को जागरूक करने और एकजुट करने का संदेश देती है. उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया. साथ ही मानवाधिकारों, समानता और न्याय जैसे मुद्दों को उजागर किया. उनकी फिल्में जैसे आवारा, श्री 420 और जागते रहो ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि समाज को सुधारने का भी प्रयास किया. उनके द्वारा दिखाए गए संघर्ष और सपनों की कहानियां हर व्यक्ति को प्रेरित करती हैं. राज कपूर का योगदान केवल सिनेमा तक सीमित नहीं था, उनकी रचनात्मकता और दृष्टिकोण ने भारतीय समाज को सांस्कृतिक और समृद्धि प्रदान की. उनके कार्यों ने यह सिद्ध किया कि कला और सिनेमा समाज में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बन सकते हैं. राज कपूर जैसे महान व्यक्तित्व की जयंती पर उन्हें स्मरण करना उनके आदर्शों को अपनाने और समाज में बेहतर बदलाव लाने की प्रेरणा देता है. उनका योगदान सदैव अमर रहेगा.
श्रद्धा सुमन व्यक्त करने वालों में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह, जिला मीडिया प्रभारी संतोष ठाकुर, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष सहलाल सिद्दीकी उर्फ लाल बाबू अधिवक्ता, दीपक पांडे, महेश यादव, मंटू कुमार, बबलू गुप्ता सहित कई लोग शामिल थे.