गया/ Pradeep Ranjan गया शहर में चल रहे पितृपक्ष मेला में पिंडदान करने आए पिंडदानियों के बीच श्राद्ध कर्मकांड की पूरी भावना देखने को मिल रही है. पिंडदानी पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए धार्मिक कर्मकांड कर रहे हैं.
इसी क्रम में गयाजी पहुंचे विभिन्न राज्यों के पिंडदानियों ने शहर के स्मृति उद्यान में अपने पूर्वजों के नाम पर पौधारोपण किया.
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इस मौके पर मध्यप्रदेश से आए पिंडदानी राजेंद्र केसरवानी ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली कि यहां पूर्वजों के नाम पर पौधारोपण किया जाता है, जिसके बाद हमलोगों ने भी अपने माता-पिता के नाम पर पौधारोपण किया है, ताकि हमारे पूर्वज पेड़ के रूप में जीवित रहें और उनसे शुद्ध हवा और छांव लोगों को मिले. यहां के लोग बधाई के पात्र है, जिन्होंने इस स्मृति उद्यान का निर्माण कराया. पौधे लगाकर तो तीर्थयात्री अपने घर वापस चले जाएंगे, लेकिन यहां के लोगों के द्वारा उसकी देखरेख की जाएगी, ताकि यही पौधे बड़े होकर वृक्ष का रूप ले और लोगों को शुद्ध हवा दें.
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राजेंद्र केसरवानी (तीर्थयात्री- मध्यप्रदेश)
वही छत्तीसगढ़ से आए पिंडदानी सुरेंद्र केसरवानी भावुक हो उठे. पूर्वजों के नाम पर पौधे लगाने के दौरान वे रो पड़े. रुंधे गले और डबडबाई आंखों से उन्होंने कहा कि माता- पिता व दादा के नाम पर पौधारोपण किए हैं, भले ही आने वाले समय में हमलोग जीवित न रहे, लेकिन जब हमारे बच्चे आएंगे, तो पेड़ की शक्ल में अपने पूर्वजों को देखेंगे, यह बहुत बड़ी बात है. यहां के स्थानीय लोगों ने पौधारोपण में हमारा काफी सहयोग किया है, इसके लिए हम उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देते हैं. हमारे पूर्वज पेड़ की शक्ल में ही सही, लेकिन जिंदा रहें, इसी भावना के साथ हमलोगों ने पौधारोपण किया है.
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सुरेंद्र केसरवानी (तीर्थयात्री- छत्तीसगढ़)