गया: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के तहत गया जिले के अति उग्रवाद प्रभावित बाराचट्टी व मोहनपुर प्रखंड में मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चली। इस दौरान नक्सल क्षेत्र में मतदाताओं ने जमकर वोटिंग की। जिस स्कूल पर नक्सलियों के दस्ता के निशान पड़े हुए थे, उसी स्कूल पर मतदाताओं ने जमकर वोटिंग की। ऐसा पहली हुआ जब लाल तंत्र पर लोकतंत्र भारी पड़ा।
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गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड का धनगाई गांव का इलाका कभी दिन के उजाले में भी नक्सलियों के कारनामों से गूंजता रहता था। आज उस इलाके में दिनभर ईवीएम की आवाज गूंजती रही। धनगांव मध्य विद्यालय पर 3 बूथ बनाए गए थे। जहां मतदाताओं ने बंपर वोटिंग की। यहां लालतंत्र पर लोकतंत्र भारी दिखा। पंचायत चुनाव को लेकर मतदाताओं ने गजब का उत्साह दिखाया। इसी स्कूल को वर्ष 2012 में नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस स्कूल की दीवार आज भी मलबे में तब्दील दिखी। इस स्कूल के बगल में नए भवन में वोटिंग की व्यवस्था की गई थी। जहां बूथ संख्या 68, 68 क और 14 बनाए गए थे। जहां मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिली। पुरुष तो पुरुष महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी जमकर निभाई। अहले सुबह से लेकर शाम 3 बजे तक उक्त मतदान केंद्र पर मतदान का प्रतिशत 71% था। जो निश्चित रूप से लाल तंत्र पर भारी पड़ा।
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इस बूथ पर मौजूद सेक्टर मजिस्ट्रेट मोहम्मद इकबाल ने बताया कि पहली बार हमारी ड्यूटी यहां लगाई गई थी। जब इस इलाके के बारे में पता चला तो मन में भय व्याप्त था। मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे। लेकिन यहां आने के बाद यहां का माहौल बदला नजर आया। हालांकि बूथ के बगल में ही नक्सलियों द्वारा उड़ाए गए स्कूल का मलबा था। उस वक्त भी ऐसा लग रहा था कि शायद ‘कुछ’ हो जाएगा। लेकिन जिस तरह से स्थानीय मतदाता वोटिंग के लिएआए। उस हिसाब से ऐसा लगा मानो सब कुछ ठीक है और यही हुआ। वोटिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से चली। कहीं किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई। निश्चय ही इस तरह के सुदूरवर्ती क्षेत्र में इस तरह की वोटिंग अपने आप में मायने रखती है।
मोहम्मद इकबाल (सेक्टर मजिस्ट्रेट)
वही इस बूथ पर तैनात पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने कहा कि हम मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर जिले के निवासी हैं। लेकिन ड्यूटी के कारण यहां आना पड़ा। जैसे ही पता चला कि बाराचट्टी जैसे नक्सली इलाके में हमारी ड्यूटी लगी है। तब हमारे सहयोगी ने भी सलाह दी कि ठीक से जाइएगा। उस समय तक मन में भय व्याप्त था। रात्रि में बूथ की जगह क्लस्टर सेंटर पर ही दहशत की वजह से सो गए थे। जिसके बाद आज सुबह धनगाई मध्य विद्यालय बूथ पर पहुंचे। लेकिन मतदाताओं के उत्साह को देखकर हमें भी साहस बंधा। सुबह से ही मतदाता कतारबद्ध होकर वोटिंग के लिए लिए तैयार थे। मतदाताओं के सहयोग को देखकर जो मन में भय था वह दूर हो गया। निश्चित रूप से इस तरह के नक्सली इलाके में ऐसी वोटिंग हमारा पहला अनुभव है।
विजय कुमार (पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
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