गया/ Pradeep Ranjan अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया स्थित श्रीलंकाई महाविहार में भगवान बुद्ध एवं उनके दो शिष्यों के अस्थि कलश को लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है. आगामी तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम की आज विधिवत शुरुआत बौद्ध मंत्रोचारण के साथ की गई. श्रीलंकाई महाविहार के प्रांगण में बने जय श्री महाबोधि महाविहार मंदिर में भगवान बुद्ध एवं उनके दो परम शिष्य महामोग्गलान एवं सारिपुत्त के अस्थि कलश को लोगों के दर्शन के लिये रखा गया है, जहां अहले सुबह से ही विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालु पहुंचे और अस्थि कलश को दर्शन किया.
इस मौके पर बौद्ध भिक्षु डॉ. अशोक शाक्या ने बताया कि प्रतिवर्ष श्रीलंकाई महाविहार में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत 3 दिनों तक भगवान बुद्ध एवं उनके दो परम शिष्य महामोग्गलान और सारिपुत्त के अस्थि कलश को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाता है. जहां लोग तीन दिनों तक श्रीलंका महाविहार में आकर अस्थि कलश के दर्शन कर सकते हैं. इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
video
श्रीलंका से आये कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाती है. इसके अलावा गरीब लोगों के बीच कंबल और खादय सामग्री का वितरण किया जाता है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति है. वर्तमान समय में कई देश एक-दूसरे से लड़ रहे हैं. उनका यह युद्ध समाप्त हो, विश्व में शांति आए और मानवता का कल्याण हो, इसी उद्देश्य के साथ विशेष पूजा-पाठ किया जाता है. साथ ही भगवान बुद्ध के संदेशों को लोग आत्मसात करें और उन्हें जन-जन तक पहुंचाएं, इसी कामना के साथ यह तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है.
इस मौके पर महाबोधि मंदिर के केयरटेकर भंते चलिंदा, भंते दीनानाथ, श्रीलंकाई महाविहार के प्रभारी भंते ज्ञानेश्वर थेरो, किरण लामा सहित कई देशों के बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु उपास्थित हुए.
बाइट
डॉ. अशोक शाक्या (बौद्ध भिक्षु)
Reporter for Industrial Area Adityapur