गया: देश के नाम बदले जाने वाले शहरों के लिस्ट में गया भी जुड़ने वाला है. ऐतिहासिक धर्मनगरी गया का नाम बदलकर “गयाजी” करने के लिए नगर निगम द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है. इस प्रस्ताव को राज्य व केंद्र सरकार को भेजी गई है.
गया का नाम गयाजी करने के लिए लोग बहुत दिनों से प्रयास कर रहे थे. विदित हो कि यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है. जिसके प्रति दुनिया के लोगों में अटूट आस्था व्याप्त है. मोक्षधाम कहे जाने वाले गया तीर्थ में प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु देश व विदेश के कोने- कोने से आते हैं. यहां पिंडदान व तर्पण करते हैं. मान्यता है कि यहां पिंडदान और तर्पण करने से श्रद्धालुओं के पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं. वेदों व पुराण में वर्णित है कि कभी यहां भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण के साथ पधारे थे और अपने स्वर्गीय पिता महाराज दशरथ के लिए पिंडदान और तर्पण किये थे. यहां अति प्राचीन विष्णुपद मंदिर है. जहां भगवान विष्णु का चरण मौजूद है. इसके अलावे पास में ही भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया है. जहां हज़ारों साल पहले भगवान को ज्ञान प्राप्त हुआ था. यहां दुनिया के कोने-कोने प्रति वर्ष लाखो श्रद्धालुओं का आना होता है.
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इस बाबत गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि आम जनों की पुरानी मांग के तहत नगर निगम के द्वारा यह प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजी गई है. बिहार और केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद इस शहर का नाम बदल कर गयाजी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि समय के साथ चीजें बदलती है और यह कोई नया प्रयोग नहीं है. इसके पहले भी मुगलसराय, इलाहाबाद, कोलकाता, मद्रास इत्यादि शहरों का नाम बदला जा चुका है. यह भी कहा कि गया शहर के विकास के लिए नगर निगम तत्पर है.
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मोहन श्रीवास्तव (डिप्टी मेयर- गया)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट