गया/ Pradeep Kumar जिले के मानपुर प्रखंड अंतर्गत भदेजा मौजा में एक बड़े भूखंड पर विगत कई सालो से रजिस्ट्री पर अनावश्यक रोक लगाने कारण सैकड़ों लोग अब आमरण अनशन पर बैठेंगे. लोगों का कहना है कि रजिस्ट्री पर रोक की वजह से हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इस संबंध में रैयतधारी रंजीत कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय से पारित आदेश के बाद भी एडीएम जमीन की रजिस्ट्री पर लगी रोक को हटाने के लिए कार्य करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसके कारण स्थानीय रैयत धारी काफी परेशान हैं. मानपुर अंचल से जिला भेजी गई रिपोर्ट में यह साफ अंकित है की भदेजा मौजा में वन विभाग की कोई भूमि नही है. इतना ही नही तत्कालीन डीएफओ ने उक्त भूमि को वन विभाग के नाम स्थानांतरित करने को लेकर एक पत्र भी लिखा था. तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता ने डीएफओ को उक्त कार्य अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर रहने का कारण बता दिया था. इस मामले को लेकर हमलोग उच्च न्यायालय भी गए, जिसके बाद वर्ष 2006 में न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. बावजूद इसके रजिस्ट्री पर लगी रोक नही हटाई गई. दर्जनों बार अधिकारियो से मिलने के बाद भी रजिस्ट्री नही शुरू हुई. मानपुर प्रखंड के भदेजा प्लॉट नंबर 14, 31,13 में जमीन खरीद कर अपनी बेटी की शादी करना चाहते है लेकिन अधिकारियो की मनमानी के कारण बेटी की शादी नही हो पा रही है.
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रंजीत कुमार (पीड़ित)
वही पीड़ित सौरभ कुमार ने बताया कि जिस चीज को आधार बनाकर जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई है, उसे उच्च न्यायालय के द्वारा खारिज कर दिया गया है. बावजूद इसके रजिस्ट्री पर लगी रोक नहीं हटाई गई. हमारे दोनों पैर में रॉड लगा हुआ है. तबीयत ठीक नहीं रहती. जमीन बेचकर अपना इलाज कराना चाहते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. कई बार जिलाधिकारी के जनता दरबार में गए. लेकिन जिलाधिकारी के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया गया. इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई. लाचार होकर अब हमलोग आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर है. आगामी 27 अप्रैल से सभी पीड़ित लोग आमरण अनशन पर बैठेंगे.
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सौरभ कुमार (पीड़ित)
इस मौके पर रैयतधारी संजय कुमार, मुकेश कुमार, रंजीत कुमार, सौरव कुमार, चिंटू कुमार, अजय सिंह सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
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