गया/ Pradeep Ranjan शहर का अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल अपने कारनामों के कारण चर्चा में रहता है. ऐसा ही एक मामला एक बार फिर सामने आया है. जहां पैर टूटने के बाद 5 वर्षीय बच्ची को परिजनों ने इलाज के लिए भर्ती कराया, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद जब बच्ची का पैर सड़ने लगा तो परिजन उसे लेकर इलाज के लिए दर- दर भटकने लगे.
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उक्त बच्ची जिले के बेलागंज प्रखंड के गंगटी- ढिबर गांव की रहने वाली है.
इस संबंध में बच्ची के चाचा सत्येंद्र कुमार ने बताया कि कुछ दिन पूर्व हमारी भतीजी 5 वर्षीय सलोनी कुमारी का पैर टूट गया था, जिसके बाद इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालमें भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सक शैलेंद्र कुमार उसका इलाज कर रहे थे, लेकिन बीमारी दूर होने के बजाय और बिगड़ती चली गई.
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बच्ची के चाचा ने बताया कि बच्ची के पैर में कई जगह जख्म हो गए और धीरे- धीरे स्थिति और भी खराब होने लगी. लगभग 12 दिन बीत जाने के बाद भी इलाज सही नहीं हो पाया. इसके बाद हम लोग बच्ची को इलाज के लिए अब निजी अस्पताल में ले जा रहे हैं, लेकिन कोई भी चिकित्सक इलाज करने को तैयार नहीं है. सबका यही कहना है की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है. उन्होंने कहा कि अब हम लोग ऐसे में जाए भी तो कहां जाए ? चिकित्सक की लापरवाही के कारण पैर बेहतर होने के बजाय और ज्यादा खराब हो गया है. अब स्थिति यह है की बच्ची का पैर सड़ने लगा है और कोई भी इलाज करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारी बच्ची का समुचित इलाज कराया जाए और दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई हो.
हालांकि इस संबंध में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. केके सिन्हा ने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमलोग पूरे मामले को देख रहे हैं.
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सत्येंद्र कुमार (पीड़ित के चाचा)
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